Will JJP leave BJP? शिरोमणि अकाली दल के बाद JJP भी छोड़ेगी बीजेपी का साथ? अवसर की तलाश में कांग्रेस, अमित शाह से मिले CM खट्टर
मनोहर लाल खट्टर, दुष्यंत चौटाला (Photo Credits: PTI)

चंडीगढ़: कृषि बिलों (Farm Bills) को लेकर पंजाब और ​हरियाणा (Haryana) में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. यह विरोध प्रदर्शन अब सत्ताधारी बीजेपी और सहयोगी जेजेपी के रिश्ते में दरार का कारण बन सकता है. दरअसल जेजेपी कृषि बिल को लेकर मोदी सरकार के समर्थन में है लेकिन, विपक्ष और किसान इसका विरोध कर रहे हैं और जेजेपी पर गठबंधन में बने रहने के लिए लगातार हमला बोल रहे हैं. कृषि बिल को लेकर शिरोमणि अकाली दल द्वारा NDA के साथ गठबंधन खत्म करने के बाद से विपक्ष ने जेजेपी पर हमला तेज कर दिया है. पार्टी ने जेजेपी को चुनौती दी है कि अगर वह वास्तव में किसानों की परवाह करती है तो बीजेपी का साथ छोड़ दे.

इस पूरी गहमागहमी के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से रविवार को उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई. अमित शाह ने शाह ने किसान बिलों को लेकर विपक्ष की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए हरियाणा में किसानों के बीच जनजागरण अभियान चलाने पर जोर दिया. दोनों नेताओं के बीच जेजेपी के रुख के बारे में भी चर्चा हुई. यह भी पढ़ें | दुष्यंत चौटाला बोले- जिस दिन MSP सिस्टम पर कोई खतरा आया, उसी दिन हरियाणा के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दूंगा.

इस बीच बीच कांग्रेस अवसर की तलाश में है. कांग्रेस ने राज्य में बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन पर भी सवाल खड़े किए है. कांग्रेस लगातार जेजेपी पर समर्थन वापस लेने का दबाव बना रही है. बीते रविवार को हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा, "मैं चाहूंगी कि दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) जी देखें, वो अपनी आंखे खोलें, इंतजार मत कीजिए, कुमारी सैलजा ने हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा, "आप कहते हैं कि हम इंतजार करेंगे कि MSP कब बंद होगा, फिर हम अपना सहयोग वापस लेंगे." आज किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं, तो आप कैसे चुप बैठ सकते हैं? कैसे इस सरकार के साथ आप सहयोग कर सकते हैं?

दरअसल दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि विपक्षी दलों के नेता किसानों को बहकाने का काम कर रहे हैं. जबकि सच्चाई यह है कि किसानों की फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्यों (MSP) पर खरीदी जाएंगी और मंडी व्यवस्था पर भी कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा. उन्होंने कहा था कि अगर किसानों की फसलें एमएसपी पर नहीं खरीदी जाएगी तो वे उसी वक्त हरियाणा के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. अब देखना यह होगा कि कांग्रेस यह गठबंधन तुड़वाने में सफल हो पाती है या नहीं.

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Kumar Jakhar) ने तो अकाली दल को भी निशाने पर लिया. सुनील जाखड़ ने कहा है, 'यह एक मजबूरी थी, यह किसानों के लिए प्रेम से नहीं था. जाखड़ ने हरसिमरत कौर के केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस्तीफे पर भी हमला बोला, उन्होंने कहा, अकाली मंत्री द्वारा इस्तीफा नहीं दिया गया था, अकाली दल ने खुद का एनडीए नहीं छोड़ा, उन्हें बाहर निकाल दिया गया. मोदी जी ने उन्हें डंप करना ठीक समझा. क्योंकि किसानों के समर्थन के बिना शिरोमणि अकाली दल उनके लिए बोझ नहीं है.'