
नई दिल्ली: एलजी ऑफिस में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के धरने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. इस मामले पर हाईकोर्ट ने कहा, 'हम समझ नहीं पा रहे हैं कि यह धरना है या हड़ताल, हड़ताल की इजाजत किसने दी है? क्या एलजी हाउस में बैठना मान्य है?' हाईकोर्ट ने यह भी कहा, 'इस समस्या का समाधान बहुत जरूरी है. दूसरी तरफ बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने भी याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट से गुजारिश की है कि केजरीवाल को हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया जाए. इसके साथ ही आप के धरने पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तंज कसते हुए कहा कि 'करने में जीरो, धरने में हीरो, करना कुछ नहीं धरना सब कुछ', यह उनकी मानसिकता है. ये दिल्ली के लोगों का विश्वास तोड़ रहे हैं.
केजरीवाल और उनके सहयोगियों के एलजी हाउस में चल रहे धरने के ख़िलाफ़ एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाइकोर्ट ने आज सुनवाई की. जनहित याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री और मंत्री हड़ताल नहीं कर सकते क्योंकि वो संवैधानिक पदों पर होते हैं. इसलिए हड़ताल को असंवैधानिक और ग़ैरक़ानूनी क़रार दिया जाए.
High Court to Delhi Government Lawyer: This can’t be called a strike. You can’t go inside someone’s office or house and hold a strike there.
— ANI (@ANI) June 18, 2018
'Karne mein zero, dharne mein hero, Karna kuch nahi dharna sab kuch' This is their mindset, it is destroying the trust people of Delhi had put in them: Mukhtar Abbas Naqvi,Union Minister on AAP protests. pic.twitter.com/jRIdyPYsh0
— ANI (@ANI) June 18, 2018
गौरतलब है कि पिछले छह दिनों से दिल्ली के उप राज्यपाल के राजनिवास में अनशन पर बैठे मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत अब ठीक है. रविवार रात उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. इसके बाद उन्हें लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वे डॉक्टर्स के ऑबजर्वेशन में हैं.