Akhilesh Yadav Constitution Debate: लोकसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर बहस के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान देश के कमजोर और वंचित लोगों के लिए एक ढाल है. यह शोषित, उपेक्षित और पीड़ित लोगों को सुरक्षा और शक्ति प्रदान करता है. अखिलेश यादव ने कहा कि देश में धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करना वक्त की जरूरत है. सपा प्रमुख ने केंद्र सरकार पर असमानता बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2014 के बाद देश में अमीर और गरीब के बीच का अंतर तेजी से बढ़ा है.
उन्होंने कहा कि देश के 140 करोड़ लोगों में से 82 करोड़ लोग सरकारी राशन पर निर्भर हैं, जबकि देश की 2/3 संपत्ति कुछ ही परिवारों के हाथों में है. अखिलेश ने सरकार से पूछा कि जब आप अपनी सफलता के आंकड़े पेश करते हैं, तो गरीबों की वास्तविक स्थिति पर आंकड़े क्यों नहीं देते?
जब भी मौका मिलेगा, जातिगत जनगणना जरूर कराएंगे: अखिलेश
"जब कभी भी हम लोगों को मौका मिलेगा तो जातीय जनगणना कराने का काम होगा। थोड़ी बहुत जो नौकरियां दी भी जा रही है उसमें दलित और पिछड़ों का कोई आरक्षण नहीं है।"
- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी@yadavakhilesh pic.twitter.com/8MILUf40Xt
— Prashant Kumar Yadav (@PrshantySP) December 13, 2024
चुनाव प्रक्रिया पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि उपचुनावों के दौरान मुसलमानों को वोट डालने से रोका गया और जानबूझकर माहौल खराब किया गया. उन्होंने कहा कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर खोजने की कोशिश से समाज में तनाव बढ़ रहा है. उन्होंने उच्चतम न्यायालय का आभार जताया कि उसने ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया. यादव ने जाति जनगणना के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह सामाजिक असमानताओं को खत्म करने और सभी वर्गों के बीच संसाधनों का समान वितरण सुनिश्चित करने में मदद करेगी.
''PDA के लिए संविधान महत्वपूर्ण''
अखिलेश यादव ने कहा कि ‘‘पीडीए’’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के लिए संविधान जीवन और मरण का विषय है. संविधान ने देश की विविधताओं को एक सूत्र में बांधने का काम किया है. यह 90 प्रतिशत शोषित जनता के अधिकारों का सबसे बड़ा संरक्षक है. उन्होंने केंद्र सरकार से सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की अपील की.