नई दिल्ली, 02 मार्च 2021. पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू सहित पांच राज्यों के चुनावों की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यह चुनाव कई मायनों में खास होने जा रहा है. क्योंकि पुरे देश की नजर पश्चिम बंगाल पर है. वैसे बंगाल में अब तक 16 बार यानि 1952 से लेकर साल 2016 तक चुनाव हुए हैं. इस हिसाब से राज्य में 17वीं बार विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है. यह चुनाव कई मायनों में भारतीय जनता पार्टी के लिए खास है. सूबे में हुए पिछले चुनाव में ममता बनर्जी ने लेफ्ट सहित कांग्रेस का सूपड़ा साफ करते हुए दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाई थी.
बता दें कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर टीएमसी, बीजेपी, कांग्रेस, एआईटीसी, सीपीआई, सीपीएम सहित सभी पार्टियां अपने पक्ष में करने में जुटी हुई हैं. साथ ही स्थानीय ओपिनियन पोल ने टीएमसी की जीत का दावा भी किया है. साथ ही बीजेपी को फायदा होता भी बताया गया है. बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं. यह भी पढ़े: West Bengal Assembly Elections 2021: बंगाल की हिंदू-मुस्लिम आबादी से समझिए वोट बैंक का समीकरण, ममता बनर्जी से सत्ता छीनना नहीं हैं आसान
यहां देखें साल 1952 से 2016 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम-
Year | Winning party | Chief minister |
1952 | Indian National Congress | Bhidhan Chandra Roy |
1957 | Indian National Congress | Bhidhan Chandra Roy |
1962 | Indian National Congress | Prafulla Chandra Sen |
1967 | United Front | Ajoy Kumar Mukerjee and Prafulla Chandra Ghosh |
1969 | United Front | Ajoy Kumar Mukerjee |
1971 | United Front | Ajoy Kumar Mukerjee and Prafulla Chandra Ghosh |
1972 | LEFT | Siddharth Shankar Ray |
1977 | LEFT | Jyoti Basu |
1982 | LEFT | Jyoti Basu |
1987 | LEFT | Jyoti Basu |
1991 | LEFT | Jyoti Basu |
1996 | LEFT | Jyoti Basu |
2001 | LEFT | Buddhaddeb Bhattacharjee |
2006 | LEFT+ AITC | Buddhaddeb Bhattacharjee |
2011 | AITC+CPIM | Mamata Banerjee |
2016 | AITC+INC | Mamata Banerjee |
ज्ञात हो कि साल 1952 से लेकर 1962 तक बंगाल में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी. जिसके बाद 1962 के बाद ऐसा समय बदला की किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. जिसके बाद कई दलों के यूनाइटेड फ्रंट की सूबे ने सरकार रही. जिसमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट), संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का समावेश था.
वहीं ये दोनों दलों का भी गठबंधन टूट गया. साल 1971 में दो ग्रुप बन गए. जिसके बाद सूबे में 1972 में सीपीआईएम और कांग्रेस आर की सत्ता में वापसी हुई. तब सिद्धार्थ शंकर राय को सीएम बनाया गया था. 1972 से लेकर साल 2006 तक लेफ्ट की सरकार सूबे में रही है. ज्योति बसु पांच बार बंगाल के मुख्यमंत्री रहे हैं. साल 2011 से ममता बनर्जी सूबे की सीएम हैं. वहीं इस बार का चुनाव इसलिए खास है क्योंकि बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. AIMIM की एंट्री से मुस्लिम वोटों के टूटने का डर सभी को सता रहा है.