West Bengal Elections 2021: एक्शन मोड में आया चुनाव आयोग, भड़काऊ भाषण देने पर ममता बनर्जी के प्रचार पर लगाई 24 घंटे की रोक
सीएम ममता बनर्जी (Photo: PTI)

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी पर 12 अप्रैल की रात 8 बजे से 13 अप्रैल की रात 8 बजे तक किसी भी तरह का प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार, ‘‘आयोग पूरे राज्य में कानून व्यवस्था की गंभीर समस्याएं पैदा कर सकने वाले ऐसे बयानों की निंदा करता है और ममता बनर्जी को सख्त चेतावनी देते हुए सलाह देता है कि आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान सार्वजनिक अभिव्यक्तियों के दौरान ऐसे बयानों का उपयोग करने से बचें.’’ West Bengal Election 2021: पीएम नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना, कहा- हार के डर से परेशान है दीदी

बीते हफ्ते ही चुनाव आयोग सीएम ममता बनर्जी को फिर से कारण बताओ नोटिस जारी किया था और "झूठे, भड़काऊ और तीखे बयान" देकर केंद्रीय बलों की छवि को धूमिल करने के कुत्सित प्रयास पर लिखित रूप में स्पष्टीकरण मांगा था. चुनाव आयोग ने कहा था कि प्रथमदृष्टया ममता बनर्जी के "पूरी तरह निराधार, भड़काऊ और तीखे बयानों" से चुनाव ड्यूटी में तैनात केंद्रीय सशस्त्र बलों का मनोबल गिरा है. आयोग द्वारा गुरुवार की रात को जारी नोटिस में कहा गया कि केंद्रीय बलों के खिलाफ टिप्पणी कर बनर्जी ने प्रथमदृष्टया भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं का उल्लंघन किया है. मुख्यमंत्री को शनिवार दिन में 11 बजे तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया था.

नोटिस के अनुसार केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सबकी पहुंच वाला चुनाव आयोजित कराने में चुनाव आयोग के सहायक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. केंद्रीय बलों पर उनके बयानों का हवाला देते हुए नोटिस में कहा गया है, ‘‘सबसे दुखद बात यह है कि बनर्जी ने केंद्रीय बलों के कर्मियों पर हमला करने के लिए भावनात्मक बातों से महिला वोटरों को भड़काने का प्रयास किया.’’

नोटिस में बनर्जी के बयान का उल्लेख किया गया है जिसमें उन्होंने कहा था, ‘‘उन्हें किसने इतना अधिकार दिया है कि केंद्रीय पुलिस बल महिलाओं को वोट डालने से रोक रहे हैं और उन्हें धमकी दे रहे हैं? मैंने यही चीज 2019 के चुनाव में देखी थी। यही बात मैंने 2016 के चुनाव में भी देखी थी.’’

बयान में उन्होंने कहा, ‘‘अगर सीएपीएफ (केंद्रीय पुलिस) ऐसे ही परेशान और बाधा उत्पन्न करती रही तो मैं आप महिलाओं को बता दूं कि आप सभी समूह में जायें और उनका घेराव करें. अन्य समूह अपना वोट डालकर आये। अपने वोट को बर्बाद नहीं जाने दें. अगर आप उनका घेराव करने में ही लगी रहेंगी तो अपना वोट नहीं डाल पायेंगी. यह उनकी योजना है. यह बीजेपी की योजना है.’’

नोटिस में जिक्र किये गये बनर्जी के बयान के अनुसार, ‘‘और आपकी योजना यह होगी कि आप उनसे डरे नहीं... फिर उनसे बात करें. वास्तव में आपको उनका घेराव नहीं करना है.’’ पिछले कुछ दिनों में बनर्जी को चुनाव आयोग का यह दूसरा नोटिस है.

आयोग ने कथित रूप से वोट के लिए सांप्रदायिक अपील करने को लेकर बीते बुधवार को उन्हें नोटिस जारी किया था और कहा था कि यह जन प्रतिनिधि कानून और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है.

नोटिस में कहा गया कि 28 मार्च और सात अप्रैल के ममता के बयान और इसके बाद के बयानों पर गौर करने से पता चलता है कि ‘‘बनर्जी ने बार-बार केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों का मनोबल गिराने का प्रयास किया है जिन्होंने संबंधित राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों में कानून व्यवस्था बहाल करने में अहम भूमिका निभायी है.’’ इसमें कहा गया है कि तृणमूल कांग्रेस और बनर्जी ने केंद्रीय बलों को अपमानित करने का चलन बना लिया है.

उधर, ममता बनर्जी ने सोमवार को चुनाव आयोग पर ही सवाल खड़े करते हुए केवल एक पार्टी का पक्ष लेने का आरोप लगाया है. दम दम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी नेता ममता बनर्जी ने कहा “मैं चुनाव आयोग से हाथ जोड़कर निवेदन करती हूं कि सिर्फ बीजेपी की न सुनें, सभी की सुनें, पक्षपाती न बनें. मैं वास्तव में दुखी और शर्मिंदा हूं. मैंने ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा जो बोलते समय सभी सीमाओं को लांघ जाता है. मैंने सभी धर्म के लोगों के लिए काम किया है. मैंने क्या नहीं किया है? अब एक ही चीज रह गई है, 'बीजेपी हटाओ देश बचाओ'. लेफ्ट और कांग्रेस बीजेपी के एजेंट हैं.”