नई दिल्ली. गृहमंत्री राजनाथ सिंह से गुरुवार को मिले एक प्रतिनिधिमंडल में शामिल किसानों ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई वृद्धि के लिए सरकार का आभार जताया, लेकिन उन्होंने बेहतर पारिश्रमिक दिलाने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग की। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि सरकार ने फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) की अधिसूचित खरीफ फसलों का एमएसपी तय करते समय लागत की गणना के लिए ए2 प्लस एफएल फॉर्मूले का उपयोग किया है, लेकिन 2014 के आम चुनाव से पूर्व भारतीय जनता पार्टी के वादे के अनुसार, अगले सीजन से एमएसपी तय करते समय लागत की गणना सी2 के आधार पर किया जाना चाहिए.
युद्धवीर सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "हमने ए2 प्लस एफएल के आधार पर एमएसपी तय करके अपने वादे को पूरा करने के लिए पहला कदम उठाने के लिए मंत्री और सरकार को धन्यवाद दिया. यह भाजपा का चुनावी वादा है."
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने किसानों को एमएसपी दिलाना सुनिश्चित करने के लिए खाद्यान्नों की समुचित खरीद करने को कहा.
उन्होंने कहा, "हमने मंत्री को कहा कि उच्च एमएसपी तब तक लाभकारी साबित नहीं होगा जब तक समुचित ढंग से खरीद नहीं होगी. हमने केंद्र सरकार से खरीद प्रक्रिया की निगरानी करने की मांग की क्योंकि यह कार्य राज्यों के द्वारा किया जाता है."
उनके अनुसार, मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सरकार समस्या से अवगत है और इसके समाधान की दिशा में काम कर रही है.