कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में लोकसभा चुनाव के बाद से एक बार फिर शुरू हुई बीजेपी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच खूनी जंग में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है. मिली जानकारी के मुताबिक सूबे के 24 परगना जिले के बशीरहाट (Basirhat) में शनिवार को दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में बीजेपी के पांच और टीएमसी के तीन कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा किया जा रहा है. इस बीच राजनीतिक हिंसा को लेकर केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार को लताड़ लगाते हुए एडवाइजरी जारी की. उधर, बीजेपी ने इस हिंसा के विरोध में सोमवार को बंगाल बंद का आह्वान किया है. साथ ही बीजेपी 12 जून को कोलकाता में वेलिंगन स्क्वायर से लालबाजार तक धिक्कार जुलूस निकालेगी.
बीजेपी सांसद राहुल सिन्हा ने कहा कि पार्टी ने बशीरहाट और पूरे पश्चिम बंगाल में 12 घंटे का बंद बुलाया है. हम इसे ब्लैक डे के रूप में मनाएंगे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस की भूमिका को लेकर बीजेपी कोर्ट की शरण में जाएगी. उनका कहना है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं के शवों को अंतिम संस्कार के लिए पैतृक स्थानों पर ले जाया जा रहा है. लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.
Rahul Sinha, BJP: Party has called a 12-hour 'bandh' in Basirhat and in entire West Bengal tomorrow, we will observe black day. BJP will move court over Police role. Remains of the deceased are being taken to their native places for funeral. #WestBengal pic.twitter.com/1Qe9LRgwfv
— ANI (@ANI) June 9, 2019
इससे पहले केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनावों के बाद पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा को लेकर गहरी चिंता जताई. इस हिंसा को राज्य सरकार की नाकामी करार दिया. पश्चिम बंगाल सरकार को दिये एडवाइजरी में गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन बनाये रखने को कहा.
West Bengal: Security forces stop BJP leaders in Basirhat while they were taking the remains of the deceased BJP workers to party office. pic.twitter.com/8xZzwRw0cT
— ANI (@ANI) June 9, 2019
एडवाइजरी में कहा गया है, ‘‘पिछले कुछ सप्ताहों में जारी हिंसा राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने और जनता में विश्वास कायम करने में राज्य के कानून प्रवर्तन तंत्र की नाकामी लगती है.’’ एडवाइजरी के अनुसार यह सुनिश्चित करने की पुरजोर सलाह दी गयी है कि कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन चैन बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जाएं. साथ ही अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए.
शनिवार रात हुई हिंसा में दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे पर षडयंत्र रचने का आरोप लगा रही हैं. नाजट पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले हिंसाग्रस्त गांव और इसके आस-पास के इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है. वहीं बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि उसके कई कार्यकर्ता लापता हैं. जिनकी तलाश रविवार सुबह से ही पुलिस कर रही है. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद हुई यह सबसे भयानक हिंसा है.