लखनऊ, चार दिसंबर: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा और रामपुर तथा खतौली विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए सोमवार को मतदान होगा. इन उपचुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) एवं राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है . बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने इन उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं.
राज्य निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक उपचुनाव के लिये मतदान सुबह सात बजे शुरू होगा जो शाम छह बजे तक चलेगा और परिणामों की घोषणा आगामी आठ दिसंबर को की जाएगी. 'मुस्लिम महिलाओं को टिकट देना इस्लाम के खिलाफ', जामा मस्जिद के शाही इमाम का विवादित बयान
इन उपचुनाव में कुल 24 लाख 43 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. इनमें 13 लाख 14 हजार पुरुष, 11 लाख 29 हजार महिला तथा 132 अन्य श्रेणी के मतदाता शामिल हैं. उपचुनाव के लिये 1945 मतदान केन्द्र और 3062 मतदेय स्थल बनाये गये हैं.
आयोग के मुताबिक मतदान को स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं. मैनपुरी लोकसभा सीट सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई है. वहीं, रामपुर सदर विधानसभा सीट आजम खां को नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने और खतौली सीट भाजपा विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के कारण उनकी सदस्यता रद्द होने के चलते रिक्त हुई है.
मैनपुरी लोकसभा और रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र अरसे से समाजवादी पार्टी के गढ़ रहे हैं. लिहाजा उसके लिए यह उपचुनाव दूरगामी संदेश लेकर आएंगे. हालांकि इन उपचुनावों का केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि दोनों ही जगह भाजपा का पूर्ण बहुमत से ज्यादा का संख्या बल है. मगर इन उपचुनाव में हार-जीत का मनोवैज्ञानिक असर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है.
चुनाव आयोग के मुताबिक मैनपुरी में जहां छह उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं, रामपुर में सदर में 10 तथा खतौली में 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं. वहीं, भाजपा की तरफ से रघुराज सिंह शाक्य चुनाव लड़ रहे हैं. शाक्य कभी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के करीबी सहयोगी थे. इस साल के शुरू में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थाम लिया था.
रामपुर सदर सीट पर आजम खां के करीबी आसिम राजा को सपा का प्रत्याशी बनाया गया है जबकि भाजपा ने पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है. खतौली सीट पर निवर्तमान विधायक विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं जबकि सपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने मदन भैया को प्रत्याशी बनाया है.
इन उपचुनावों प्रचार में सपा और भाजपा दोनों नहीं अपनी पूरी ताकत झोंक दी. भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य तथा बृजेश पाठक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने प्रचार किया जबकि इस साल जून में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान प्रचार में शामिल नहीं हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी में उप चुनाव प्रचार की कमान संभाली. साथ ही रामपुर सदर क्षेत्र में सपा उम्मीदवार आसिम राजा के पक्ष में आजम खां और दलित नेता चंद्रशेखर आजाद के साथ एक संयुक्त रैली भी की.
राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी अपने उम्मीदवार के समर्थन में खतौली क्षेत्र में ही रहे मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में अरसे बाद पूरा यादव परिवार एक साथ नजर आया. इस दौरान आपसी तनातनी को भुलाकर अखिलेश ने कई बार अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के सार्वजनिक मंच पर पैर छुए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिवपाल यादव की आलोचना करते हुए पेंडुलम और फुटबॉल से उनकी तुलना की. दूसरी ओर आजम खां ने खुद पर हो रहे 'जुल्म' की दुहाई देते हुए जनता से वोट मांगे.
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