देहरादून: उत्तराखंड में कई दिनों के जारी सियासी घमासान आज खत्म हो गया. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Chief Minister Trivendra Singh Rawat) ने अपने पद से मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के लिए वे दोपहर करीब चारा बजे के बाद राज भवन राज्यपाल बेबी रानी मौर्या (Baby Rani Maurya) से मिलने पहुंचे थे. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा. पार्टी के नाराज विधायकों को लेकर उन्हें इस्तीफा ना देना पड़े सोमवार को रावत दिल्ली आलाकमान के नेताओं से मुलाकात की थी. लेकिन बात नहीं बनने पर उन्हें सीएम पद से आज इस्तीफा देना पड़ा.
रावत को खुद की पार्टी के विधायकों के नाराजगी के चलते इस्तीफा देना पड़ा. पार्टी के कई विधायक उनसे पिछले कुछ दिन से नाराज चल रहे थे. विधायकों का आरोप है कि उनके ही सरकार में उनकी बात सुनी नहीं जा रही है. रावत को सीएम पद से इस्तीफा न देना पड़े. दिल्ली में कई दौरा की बैठक भी रावत के साथ इसके पहले हुई. लेकिन बीच का रास्ता नहीं निकल पाने पर पर आलाकमान की तरफ से सीएम पद से इस्तीफा देने के के बारे में कहा गया. यह भी पढ़े: Uttarakhand Politics: उत्तराखंड में खत्म नहीं हुआ है सियासी सस्पेंस, त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर बीजेपी आलाकमान जल्द ले सकती है बड़ा फैसला
Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat submits his resignation to Governor Baby Rani Maurya. He met BJP leaders in Delhi yesterday. pic.twitter.com/7oKkgZUwBm
— ANI (@ANI) March 9, 2021
रावत के इस्तीफे से पहले उत्तराखंड का अगला सीएम कौन होगा. इस पर भी चर्चा जोरो में थी. कहा जा रहा है मंत्री धनसिंह रावत, मंत्री सतपाल महाराज, सांसद अजट भट्ट, सांसद अनिल बलूनी का नाम सुर्खियों में है. जिन नेताओं में किसी एक को राज्य की कामन सौंपी जा सकती हैं.
उत्तराखंड विधानसभा की बात करें, तो यहां कुल विधायकों की संख्या 70 है. जिसमें बीजेपी के पास 56 विधायक हैं, वहीं कांग्रेस के पास 11 और 2 विधायक निर्दलीय हैं. जबकि एक सीट अभी खाली हैं. ऐसे में राज्य में बीजेपी को फिर से सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी.