उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर मंत्रिमंडल विस्तार करने का दवाब
उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के लगभग एक महीने बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर रिक्त पड़े तीन मंत्री पदों को भरने का दवाब है. रावत ने मार्च में जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके मंत्रिपरिषद में सिर्फ नौ मंत्री शामिल किए गए थे और दो पद रिक्त थे.
देहरादून : उत्तराखंड (Uttarakhand) के वित्त मंत्री प्रकाश पंत के निधन के लगभग एक महीने बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) पर रिक्त पड़े तीन मंत्री पदों को भरने का दवाब है. मंत्रिमंडलीय विस्तार इस लिए भी जरूरी हो गया है क्योंकि वित्त, आबकारी, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), गृह, ग्रामीण विकास समेत 42 विभाग मुख्यमंत्री के पास हैं जो कि एक कठिन स्थिति है.
रावत ने मार्च में जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तो उनके मंत्रिपरिषद में सिर्फ नौ मंत्री शामिल किए गए थे और दो पद रिक्त थे. लेकिन पिछले महीने पंत के निधन के बाद एक और पद खाली हो गया. रावत के नजदीकी एक सूत्र ने कहा, "मंत्रिमंडल का विस्तार करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. लेकिन मुझे लगता है कि वे इस संबंध में जल्दी कोई निर्णय लेंगे."
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देहरादून में विकासनगर विधानसभा से विधायक मुन्ना सिंह चौहान वित्त और संसदीय मामलों के मंत्रालय के शीर्ष दावेदार हैं. पंत इन दोनों विभागों को संभालते थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक शीर्ष नेता ने कहा, "चौहान एक दक्ष नेता हैं और बहुत वरिष्ठ विधायक हैं. मुझे लगता है कि मंत्रिमंडलीय पद के लिए उन पर विचार होना चाहिए."
पार्टी सूत्रों ने कहा कि भाजपा की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष और पिथौरागढ़ मे दीदीहाट विधानसभा से विधायक बिशन सिंह शुफल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा देहरादून कैंट से विधायक हरबंस कपूर भी भाजपा के उन शीर्ष नेताओं में हैं जो मंत्री पद के दावेदार हैं. हालांकि मुख्यमंत्री पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं.
पिछले सप्ताह विधानसभा के तीन-दिवसीय संक्षिप्त सत्र के दौरान, मुख्यमंत्री ने अंतरिम व्यवस्था के तौर पर संसदीय मामलों का विभाग ग्रामीण विकास मंत्री मदन कौशिक को दे दिया था. संपर्क करने पर भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि उन्हें लगता है कि मंत्रिमंडल विस्तार जल्दी होगा. पार्टी की राज्य इकाई के अधिकांश नेता मंत्रिमंडल में विस्तार चाहते हैं.