शिवपाल यादव के BJP में शामिल होने की अटकलों पर लगा विराम, अब खुद अपनी पार्टी PSPL को करेंगे मजबूर , 9 प्रकोष्ठ के अध्यक्षों का किया ऐलान

समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने अपनी पार्टी को मजबूत करना शुरू कर दिया. भाजपा जाने के चर्चा के बीच प्रसपा मुखिया ने पार्टी के नौ प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान कर दिया है

शिवपाल यादव के BJP में शामिल होने की अटकलों पर लगा विराम, अब खुद अपनी पार्टी PSPL को करेंगे मजबूर , 9 प्रकोष्ठ के अध्यक्षों का किया ऐलान
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल यादव (Photo Credit : Twitter)

UP Politics: समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) ने अपनी पार्टी को मजबूत करना शुरू कर दिया. भाजपा जाने के चर्चा के बीच प्रसपा मुखिया ने पार्टी के नौ प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान कर दिया है. इस सभी प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा प्रसापा ( लोहिया) के राष्ट्रीय महासचिव और शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव ने की है.

आशुतोष त्रिपाठी को युवजन सभा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है. इसके अलावा नितिन कोहली को यूथ ब्रिगेड, दिनेश यादव को छात्र सभा, मोहम्मद आलिम खान को लोहिया वाहिनी, अनिल वर्मा को पिछड़ा वर्ग, शम्मी वोहरा को महिला सभा, संगीता यादव को सांस्कृतिक प्रकोष्ठ, अजीत चैहान को अधिवक्ता सभा और रवि यादव को शिक्षक महासभा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. यह भी पढ़े: UP: शिवपाल यादव ने कहा- मैं आजम खान के साथ था, हूं और रहूंगा...शेयर किया ये पुराना वीडियो

नौ प्रकोष्ठों में से दो की महिलाओं को जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने उम्मीद जताई है कि आप सभी के प्रयासों से पार्टी की नीतियों एवं कार्यक्रमा को जन जन तक पहुंचाने और संगठन को मजबूत, प्रभावशाली और सुगठित करने में सहयाता मिलेगी.

ज्ञात हो कि शिवपाल यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के बाद उन्होंने प्रसपा की सभी इकाईयों को भंग कर दिया था और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मतभेदों के चलते ये कयास लगाए जा रहे थे कि वह भाजपा का दामन थाम सकते हैं। लेकिन ऐसा हुआ नहीं उन्होंने अपना संगठन मजबूत करना शुरू कर दिया है.

गौरतलब हो कि शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नाराज होकर 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन किया था.  हालांकि यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में वह भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपने भतीजे के साथ आ गए। लेकिन सपा प्रमुख सिर्फ उन्हें एक ही सीट पर अपने सिंबल पर इटावा की जसवंतनगर सीट से मैदान में उतारा था। हालांकि उन्होंने अपनी पार्टी का विलय सपा में नहीं किया था.


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