Uttar Pradesh: यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान कल्याण मिशन का किया शुभारंभ
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

लखनऊ, 6 जनवरी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को किसान कल्याण मिशन का आगाज किया. राजधानी में सरोजनी नगर (Sarojini Nagar) ब्लॉक के दादूपुर गांव से मुख्यमंत्री ने किसानों के आर्थिक विकास के इस सबसे बड़े अभियान की शुरुआत की है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश ने 'जय जवान जय किसान' के नारे दिए, लेकिन किसान हाशिये पर ही रहा. योगी ने किसानों से संवाद करते हुए कहा, "आप देख रहे होंगे कि किसान इस देश के राजनीतिक एजेंडे में शामिल हो पाया है. शासन की नीतियों का क्रियान्वयन होते हुए भी किसान भाइयों ने देखा है. मोदी जी की नीतियों के कारण ही किसान मुख्यधारा में शामिल हो पाया है. नहीं तो देश का किसान केवल वोट पर राजनीति का मोहरा भर होता था. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट भी इन्हीं की देन है. पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से आज हर किसान को 6 हजार रुपये सालाना मिल रहा है. कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से हर खेत और फसल को पानी मिल रहा है. पीएम फसल बीमा योजना के माध्यम से हर किसान लाभ ले सकता है."

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड (Bundelkhand) की महिला स्वयंसेवी समूह के दुग्ध उत्पादन समिति का टर्नओवर ही 2 करोड़ सालाना हो रहा है. ये कार्यक्रम यहां सरोजिनी नगर में भी लागू होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा, "अगर हम ग्राम पंचायत स्तर पर ही गोदाम बना दें तो आसानी से फसलों को समय पर बाजार पहुंचा सकते हैं. कम पानी में बेहतर खेती के उद्देश्य के लिए भी इस कार्यक्रम के तहत हम आगे बढ़ेंगे."

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योगी ने कृषि और किसानों की खराब हालत के लिए विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले 6 वर्षो में जितनी प्रगति हुई, उतनी अगर 70 वर्षो में हुई होती तो मोदी जी को ये लक्ष्य न तय करना पड़ता कि 2022 तक किसान की आय दोगुनी करनी है. उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के बीच देश में लाखों किसानों ने अपनी जान गंवाई. लेकिन अब किसान आत्महत्या नहीं, आमदनी को लेकर तेजी से बढ़ रहा है. आज का कार्यक्रम उसी किसान कल्याण योजना को आगे बढ़ाने की एक कड़ी है. योगी ने किसानों से कहा, "याद करिए 2017 में हमारी सरकार बनने पर पहला कैबिनेट निर्णय ही किसानों के ऋण माफ करने का था."

किसानों के कल्याण और बेहतरी के लिए शुरू की गई योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "इस कार्य को जलशक्ति विभाग ने भी आगे बढ़ाया है. किसानों के आर्थिक विकास और बेहतरी के लिए कई बड़े कार्यक्रम तेजी से चल रहे हैं. हमारे प्रदेश के 2 करोड़ 35 लाख किसान पीएम कृषि सम्मान योजना से लाभान्वित हो रहे हैं, जितनी तो कई राज्य की जनसंख्या ही नहीं होती है."

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किसानों को खेती, पशुपालन, कृषि संबंधी शासन की योजनाओं से अवगत कराना लक्ष्य है. प्रदेश में किसान कल्याण केंद्र किसानों को एक ही स्थान पर सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए ही संचालित हो रहे हैं. पहली बार ये हुआ, जब खुरपका और मुंहपका आदि रोगों के लिए भी टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है.

उन्होंने कहा, "जब हमारा अन्नदाता खुशहाल होगा तो देश अपने आप खुशहाल हो जाएगा. लेकिन हमें सतर्क रहना होगा, जब देश तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है तो कई लोगों को ये अच्छा नहीं लग रहा है. किसानों को गुमराह कर देश को विकास की पटरी से उतारने की साजिश हो रही है. बिना किसी गुमराह करने वाले तत्व पर ध्यान देते हुए एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लक्ष्य की ओर हमें आगे बढ़ना है."

गौरतलब है कि राज्य सरकार उन्नत किसान और आत्मनिर्भर प्रदेश के संकल्प के तहत राज्य के सभी 825 विकास खंडों में किसान कल्याण मिशन का आयोजन कर रही है. इसके तहत हर ब्लॉक में किसानों के सम्मान के साथ उन्हें कृषक उपहार योजना का लाभ दिया जाएगा. बुधवार को कुल 303 ब्लाकों में किसान कल्याण मिशन के तहत कार्यक्रम आयोजित किए गए. 303 ब्लॉकों में 13 जनवरी और 219 ब्लॉकों में 21 जनवरी को किसान कल्याण मिशन के तहत कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसका समापन यूपी दिवस के मौके पर 24 जनवरी को होगा.