उन्नाव. रायबरेली में हुए हादसे की शिकार उन्नाव बलात्कार पीड़िता (Unnao Rape Victim) की चाची का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह गंगा घाट पर कड़ी सुरक्षा के बीच कर दिया गया. बलात्कार पीड़िता के चाचा ने अपनी पत्नी का अंतिम संस्कार किया. वह पैरोल पर जेल से लाए गए थे. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अंतिम संस्कार होने के बाद प्रशासन ने पीड़िता के चाचा को एक बंद गाड़ी में बिठा दिया और ले जाने लगे. इसी बीच मीडिया को देखते ही पीड़िता के चाचा ने कहा, ‘‘मेरा पूरा परिवार साफ करा दिया. बस हम ही हम रह गए हैं. मेरे ऊपर नाजायज मुकदमे लगाए गए हैं. विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने सब कुछ कराया है. मेरे पास सारे साक्ष्य हैं.''
पीड़िता की चाची के अंतिम संस्कार के बाद उसके चाचा को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रायबरेली जेल भेज दिया गया. महेश को उच्च न्यायालय के आदेश पर अंतिम संस्कार के लिए लाया गया था.
गंगातट पर अंतिम संस्कार के समय मौजूद रहे पुलिस महानिरीक्षक एस के भगत ने कहा हाईकोर्ट ने संक्षिप्त अवधि की जमानत पर पूरी सुरक्षा में ले जाकर अंतिम संस्कार में शामिल कराने के निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा कि वह यह देखने आए हैं कि सुरक्षा में कोई चूक न हो. यह भी पढ़े-उन्नाव रेप केस: केंद्र सरकार ने रायबरेली सड़क हादसे की जांच CBI को सौंपी, पीड़िता की हालत गंभीर
भगत ने कहा कि घटना वाले दिन पीड़िता के साथ जो सुरक्षाकर्मी थे वह किन परिस्थितियों में साथ नहीं गए, इसे लेकर भी जांच करनी थी लेकिन पीड़िता के चाचा इस संबध में कोई जानकारी नहीं दे पाए हैं। इसलिए अब उन्नाव के पुलिस अधीक्षक मामले की जांच कर रहे हैं. उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्यवाही की जाएगी.
इससे पहले, रायबरेली हादसे की शिकार उन्नाव बलात्कार पीड़िता (Unnao Rape Case) की चाची का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह गंगा घाट पर कड़ी सुरक्षा के बीच कर दिया गया. अंतिम संस्कार में करीब एक दर्जन नाते-रिश्तेदार ही शामिल थे. स्थानीय लोगों और मीडिया को श्मशान घाट नहीं जाने दिया गया. केवल सगे संबंधी और मित्रों को ही इसमें शामिल होने दिया गया.
बता दें कि राज्य सरकार की सिफारिश के बाद सीबीआई ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (BJP MLA Kuldeep Singh Sengar) और उसके भाई समेत 10 लोगों के खिलाफ नामजद और 15-20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश की धाराओं में केस दर्ज किया है. यह केस सीबीआई (CBI) लखनऊ की ऐंटी करप्शन ब्रांच ने दर्ज किया है. अब सीबीआई ही इस मामले की सच्चाई पता लगाएगी कि यह एक हादसा था या साजिश.
(भाषा इनपुट के साथ)