केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने WHO के साथ मिलकर शुरू किया 'मिशन 2023', प्रोग्राम को कहा- परिवर्तन का समय
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ के साथ मिलकर मिशन 2019-2023 नामक कार्यक्रम शुरू किया है. इसके जरिए स्वास्थ्य के मुद्दे को जनांदोलन का रूप देने की तैयारी है. इस प्रोग्राम को 'परिवर्तन का समय' नाम दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डब्ल्यूएचओ के सहयोग से शुरू हुई इस योजना से स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने की बात कही है.
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ (WHO) के साथ मिलकर मिशन 2019-2023 नामक कार्यक्रम शुरू किया है. इसके जरिए स्वास्थ्य के मुद्दे को जनांदोलन का रूप देने की तैयारी है. इस प्रोग्राम को 'परिवर्तन का समय' नाम दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने डब्ल्यूएचओ के सहयोग से शुरू हुई इस योजना से स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने की बात कही है.
उन्होंने कहा कि देश परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं. देश सहयोग रणनीति (सीसीएस), योजना भारत सरकार के साथ डब्ल्यूएचओ के कार्य करने के लिए रणनीतिक रोडमैप है. इसकी मंशा स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव लाते हुए आम जन की सेहत को बेहतर बनाना है.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के साथ रणनीतिक सहयोग के लिए चार क्षेत्रों की पहचान की गई है. इमरजेंसी की स्थिति में लोगों की सेहत की रक्षा, आरोग्य को प्रोत्साहन देना और हेल्थ सेक्टर में भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने का मकसद है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को जन-आंदोलन बनाने की आवश्यकता है. प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इसके लिए बीमारियों से बचाव और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के तरीकों को अपनाया जाना चाहिए. इस संबंध में उन्होंने इट राइट इंडिया, फिट इंडिया और पोषण अभियान जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का उल्लेख किया.
हर्षवर्धन ने कहा कि रणनीति में शामिल किए गए स्वास्थ्य प्राथमिकताओं के अलावा पर्यावरण, दुर्घटनाएं, अच्छा पोषण और खाद्य सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए. भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. हेंक बेकेडम ने कहा कि यह रणनीतिक दस्तावेज भारत की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 पर आधारित है.