महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव (Maharashtra Legislative Council) के निर्विरोध होने का रास्ता साफ हो गया है. रविवार को कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि पार्टी एक ही सीट पर उम्मीदवार उतारेगी. इससे महाविकास आघाड़ी सरकार में जारी गतिरोध थम गया है. शिवसेना की ओर से नाराजगी जाहिर किए जाने और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के निर्विरोध नहीं चुने जाने की सूरत में एमएलसी चुनाव नहीं लड़ने की चेतावनी के बाद कांग्रेस ने दूसरे उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया है. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोराट ने रविवार को इसकी घोषणा की. इसके बाद उद्धव ठाकरे के लिए निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है.
एमएलसी चुनाव में कांग्रेस की तरफ से दो उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद नाराज होकर शिवसेना ने दो टूक कह दिया था कि यदि उद्धव ठाकरे निर्विरोध नहीं चुने गए तो वह एमएलसी चुनाव नहीं लड़ेंगे. मुख्यमंत्री बने रहने के लिए ठाकरे के लिए एमएलसी चुना जाना आवश्यक है. वहीं, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित सत्तापक्ष के 5 और विपक्षी दल बीजेपी के 4 उम्मीदवारों का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है.
महाराष्ट्र में आगामी 21 मई को विधान परिषद की 9 सीटों पर चुनाव होना है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित शिवसेना के दो और बीजेपी के चार उम्मीदवारों के नाम पहले ही घोषित हो चुके हैं. शनिवार को कांग्रेस ने अपने इकलौते उम्मीदवार राजेश राठौड़ का नाम घोषित कर दिया. मगर शनिवार की देर रात महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष व राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने ट्वीट कर बीड जिला कांग्रेस अध्यक्ष राज किशोर मोदी को दूसरा उम्मीदवार घोषित कर दिया था.
बालासाहेब थोराट के इस ट्वीट के बाद विधान परिषद की 9 सीटों पर निर्विरोध चुनाव की संभावना खत्म होती दिखाई दे रही थी. जबकि शिवसेना चाह रही थी कि मतदान न हो. शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यदि निर्विरोध नहीं जीते तो वह एमएलसी चुनाव नहीं लड़ेंगे.
गौरतलब है कि एक मुख्यमंत्री या मंत्री के लिए शपथ ग्रहण से छह महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य होता है. उद्धव ठाकरे किसी सदन के सदस्य नहीं हैं और उनके लिए यह समयसीमा 28 मई को खत्म हो रही है.