नई दिल्ली: ट्रिपल तलाक अब अपराध की श्रेणी में आएगा, क्योंकि अब केंद्र की मोदी सरकार ने तीन तलाक (Triple Talaq) बिल को पास कराने के लिए अध्यादेश का रास्ता अख्तियार किया है और मोदी कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी. यह अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा. इस दौरान सरकार को इसे संसद से पारित कराना होगा. सरकार के पास अब बिल को शीत सत्र तक पास कराने का वक्त है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कैबिनेट ने आज तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दी है. साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल के अटकने पर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला.
रविशंकर प्रसाद ने इस मामले पर बुधवार को मीडिया से बात कर इस मामले पर बातचीत की. उन्होंने अध्यादेश की तीन प्रमुख बिंदुओं पर बात की. यह भी पढ़े-हलाला-तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट जाने वाली शबनम रानी पर एसिड अटैक, हालत गंभीर
The core component of this Ordinance is that an offence will be cognizable only when the FIR is filed by the victim wife or her close relations by blood or marriage: Law Minister Ravi Shankar Prasad on the ordinance on #TripleTalaq pic.twitter.com/WSxSnqtpR1
— ANI (@ANI) September 19, 2018
कानून मंत्री ने कहा कि अगर महिला खुद या उसका कोई नजदीकी रिश्तेदार पुलिस में शिकायत करे तभी पुलिस पति को गिरफ्तार करेगी. यह भी पढ़े-मुस्लिम महिलाओं ने मोदी सरकार से किया ट्रिपल तलाक और हलाला खत्म करने का आग्रह
As for other provisions are concerned, the mother/victim wife must get the custody of the minor child and the mother is entitled to a maintenance suitably determined by the magistrate for herself and the child: Law Minister RS Prasad #TripleTalaq pic.twitter.com/XnetsQcsks
— ANI (@ANI) September 19, 2018
उन्होंने ऐसे मामलों में समझौता होने की गुंजाइश है लेकिन पत्नी चाहे तभी. अगर पत्नी चाहे समझौता कर सकती है. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि मजिस्ट्रेट बेल दे सकता है. लेकिन पत्नी का पक्ष सुनने के बाद ही. यह भी पढ़े-मुस्लिम महिलाओं को मिला उनका अधिकार, ट्रिपल तलाक अध्यादेश पर मोदी सरकार ने लगाई मुहर
Secondly, it's compoundable, it can be compromised only at the insistence of the wife upon appropriate terms&conditions as determined by the magistrate. Thirdly, a bail can be granted by the magistrate upon reasonable grounds but only after hearing the victim wife also: RS Prasad pic.twitter.com/5nQ6SlROhi
— ANI (@ANI) September 19, 2018
इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि ऐसे मामलो में नाबालिग बच्चे की कस्टडी मां के पास ही होगी और मां चाहे तो अपने लिए और बच्चे के लिए मेंटनेंस मांग सकती है.
वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने तीन तलाक बिल (Triple Talaq) को पास करवाने की बार-बार कोशिश की, लेकिन कांग्रेस ने वोटबैंक के चक्कर में इसे पास नहीं होने दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर वोटबैंक की राजनीति कर रही है.
उन्होंने सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी और BSP प्रमुख मायावती से अपील की कि उन्हें इस मुद्दे पर सरकार का साथ देना चाहिए.