भोपाल: मध्य प्रदेश से पिछले लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुईं तीन महिला सांसद इस बार चुनाव मैदान से बाहर हो गई हैं. इनमें दो केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) व लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन (Sumitra Mahajan) मध्य प्रदेश सांसद रही हैं और तीसरी केंद्रीय मंत्री उमा भारती (Uma Bharti) उत्तर प्रदेश से सांसद हैं, लेकिन उनका नाता मध्य प्रदेश से है और वह राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. खास बात यह कि तीनों एक ही दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) से हैं और तीनों ने आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.
राज्य से लेकर राष्ट्रीय राजनीति में मध्य प्रदेश के विदिशा संसदीय सीट से सांसद सुषमा स्वराज, इंदौर की सांसद सुमित्रा महाजन और राज्य के टीकमगढ़ जिले में जन्मी व पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में उत्तर प्रदेश के झांसी से सांसद केंद्रीय मंत्री उमा भारती की खास पहचान है. लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन इंदौर संसदीय सीट से लगातार आठ बार से निर्वाचित होती आ रही हैं. उन्होंने पहली बार 1989 में जीत दर्ज की थी और उसके बाद से यह सीट बीजेपी का गढ़ है.
बीजेपी ने 75 वर्ष की उम्र पार कर चुके नेताओं को उम्मीदवार न बनाने का निर्णय लिया है, जिसके कारण सुमित्रा महाजन ने स्वयं चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने शुक्रवार को एक पत्र लिखकर चुनाव न लड़ने की घोषणा की. विदिशा संसदीय सीट भी बीजेपी का गढ़ है. केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज पिछले दो चुनाव से विदिशा का प्रतिनिधित्व करती आ रही हैं, मगर स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने पहले ही आगामी चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया था.
विदिशा सीट पर वर्ष 1967 के बाद से अब तक हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सिर्फ दो बार वर्ष 1980 और 1984 में जीत मिल पाई थी. दोनों बार कांग्रेस के उम्मीदवार प्रताप भानु शर्मा जीते थे. इस संसदीय सीट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी वर्ष 1991 में जीते थे. वाजपेयी तब विदिशा और लखनऊ दोनों जगह से चुनाव लड़े थे. बाद में उन्होंने विदिशा से इस्तीफा दे दिया था. उनके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांच बार इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. उनके बाद सुषमा वर्ष 2009 व 2014 में यहां से निर्वाचित हुईं.
देश की राजनीति में अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए पहचानी जाने वाली केंद्रीय मंत्री और झांसी की सांसद उमा भारती ने भी आगामी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में जन्मी और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती खुद चुनाव न लड़ने की वजह गंगा नदी के लिए काम करने को बता रही हैं. उमा इससे पहले खजुराहो और भोपाल संसदीय सीटों का भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.
राजनीतिक विश्लेषक रवींद्र व्यास कहते हैं, "तीनों महिला सांसदों की अपनी विशिष्ट कार्यशैली है और उसी के चलते उन्हें राजनीति के पटल पर पहचाना जाता है. भारी जनाधार वाली इन महिला नेत्रियों के चुनाव न लड़ने से तीनों संसदीय क्षेत्रों में चुनाव के दौरान सूनापन तो रहेगा ही, साथ में पार्टी को उनके टक्कर के उम्मीदवार चुनना भी आसान नहीं रहने वाला है. बीजेपी जिस नए चेहरे को मौका देगी, उसकी तुलना पूर्ववर्ती सांसदों से होगी और यह स्थिति बीजेपी उम्मीदवारों के लिए चुनौती बन सकती है."