डॉनल्ड ट्रंप ने कार्यकाल के पहले दिन से "ट्रांसजेंडर पागलपन रोकने" का वादा किया है. जल्दी ही रिपब्लिकन पार्टी संसद में बहुमत पाने के साथ ही व्हाइट हाउस में भी होगी. अमेरिका की राजनीति में ट्रांसजेंडर इतने अहम क्यों हैं?अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार, 22 दिसंबर को कहा, "मैं कार्यकारी आदेश पर दस्तखत कर बच्चों के लिंग परिवर्तन पर रोक और सेना, प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालयों से ट्रांसजेंडरों को बाहर निकलवा दूंगा." इसके साथ ही उन्होंने, "पुरुषों को महिलाओं के खेल से बाहर" करने की भी बात कही है. ट्रंप ने यह भी कहा, "अमेरिकी सरकार की आधिकारिक नीति में सिर्फ दो ही लिंग होंगे, पुरुष और महिला."
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ट्रांसजेंडरों पर अमेरिका की राजनीति
डॉनल्ड ट्रंप की इन घोषणाओं पर अमल का मतलब होगा कि अमेरिका में ट्रांसजेंडर एक बार फिर हाशिये पर चले जाएंगे. उन्हें मुख्य धारा में लाने की बीते दशकों की कोशिशों पर पानी फिर सकता है. सोमवार को राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नए रक्षा बिल पर दस्तखत किए हैं. इसमें सेना के जूनियर मेंबरों की तनख्वाह बढ़ाने और चीन की बढ़ती ताकत का मुकाबला करने के लिए सैन्य खर्च को 895 अरब डॉलर बढ़ाया गया है. इसी बिल में सैन्य परिवारों के बच्चों के ट्रांसजेंडर मेडिकल ट्रीटमेंट को खत्म करने की भी बात है.
राष्ट्रपति बाइडेन ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि उनका प्रशासन इस प्रावधान का सख्त विरोध करता है, क्योंकि यह लैंगिक पहचान के आधार पर एक समूह को निशाना बनाता है. साथ ही बच्चों की बढ़िया देखभाल तय करने में मां बाप की भूमिका में दखल देता है." उन्होंने यह भी कहा कि स्वेच्छा से योग्य लोगों की भर्ती करने और अपने साथ रखने की सेना की क्षमता भी इससे कमजोर होगी.
संसद के स्पीकर माइक जॉनसन ने बच्चों के ट्रांसजेंडर मेडिकल केयर पर पाबंदी वाले प्रावधान को जोड़ने के लिए जोर डाला था. इसके बाद डेमोक्रैटिक पार्टी के ज्यादातर सांसदों ने इसके खिलाफ वोट डाला.
ट्रांसजेंडरों के मामले में डेमोक्रैटिक और रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण वाले राज्यों की नीतियां एक दूसरे के विपरीत चलती हैं. खासतौर से मेडिकल ट्रीटमेंट और इन विषयों पर किताबों को सार्वजनिक और स्कूलों के पुस्तकालयों में मंजूरी देने के मुद्दे पर यह अंतर्विरोध साफ है.
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महिलाओं के खेल में ट्रांसजेंडर
डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो महिलाओं के खेल से ट्रांसजेंडर को बाहर निकाल देंगे. अमेरिका में ऐसी इच्छा रखने वाले वो अकेले नहीं हैं. हाल ही में टेक्सस के अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने नेशनल कॉलेजिएट एथलेटिक एसोसिएशन (एनसीएए) के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें ट्रांसजेंडरों के महिला खेल स्पर्धाओं में हिस्सा लेने पर रोक लगाने की मांग की गई है. उनकी दलील है कि यह एक चाल है और दर्शकों को उलझन में डालती है.
लुबॉक की जिला अदालत में दायर याचिका में दलील दी गई है कि महिलाओं के खेल में ट्रांसजेंडरों के शामिल होने का प्रचार कर एनसीएए टेक्सस डिसेप्टिव ट्रेड प्रैक्टिसेज एक्ट का उल्लंघन करती है. यह एक्ट उपभोक्ताओं को ऐसी चीजों या सेवाओं के चक्कर में फंसने से बचाने के लिए है, जिनमें जिनका के मुताबिक वो चीजें या सुविधाएं नहीं होतीं.
पैक्सटन की दलील है, "जब लोग महिला वॉलीबॉल गेम देखते हैं तो वे महिलाओं को दूसरी महिलाओं के खिलाफ खेलते देखना चाहते हैं, ना कि शारीरिक रूप से पुरुषों को जो खुद को ऐसा दिखाना चाहते हैं जो वे हैं नहीं." पैक्सटन ने एनसीएए पर, "जान बूझ कर मंशा के साथ महिलाओं की सुरक्षा को खतरे में डालने" का आरोप लगाया है और उनका कहना है कि महिलाओं के खेल को "महिला पुरुष का मुकाबला" बना दिया गया है.
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हाल ही में सैन जोस स्टेट वीमेंस वॉलीबॉल के इस सीजन में कई प्रतिद्वंद्वियों ने मैच से खुद को इस आधार पर बाहर कर लिया कि स्पार्टन में एक ट्रांसजेंडर प्लेयर है. हालांकि पिछले महीने ही माउंटेन वेस्ट कांफ्रेंस चैंपियनशिप में एक स्कूल के हिस्सा लेने पर रोक लगाने से संघीय अदालत ने इनकार कर दिया था.
एनसीएए में फिलहाल 19,000 टीमें और 544,000 एथलीट हैं. इसमें ट्रांसजेंडर एथलीटों के बारे में कोई अलग से आंकड़ा मौजूद नहीं है. हालांकि एनसीएए के अध्यक्ष चार्ली बेकर ने संसद को इसी महीने जानकारी दी थी कि वह एनसीएए के 10 से कम ही सक्रिय एथलीटों के बारे में जानते हैं जिनकी पहचान ट्रांसजेंडर के रूप में है.
अमेरिका में कितने ट्रांसजेंडर
अमेरिका में 30 साल से कम उम्र के युवाओं में 5.1 फीसदी ट्रांसजेंडर या नॉन बाइनरी हैं. नॉन बाइनरी में वो लोग हैं जिन्हें ना तो औरत की तरह महसूस होता है ना मर्द की तरह और वो लोग खुद को इस लैंगिक खांचे में नहीं डालना चाहते. यानी वो लोग जो ना मर्द रहना चाहते हैं ना औरत. इनमें 2 फीसदी ट्रांस मर्द या औरत हैं जबकि नॉन बाइनरी 3 फीसदी है. ये आंकड़े 2022 के हैं जिन्हें रिसर्च एजेंसी प्यू ने जुटाया था.
अमेरिका के सभी वयस्कों में 1.6 फीसदी लोग ट्रांस और नॉन बाइनरी हैं. 30-49 साल के आयु वर्ग में 1.6 फीसदी जबकि 50 साल से ऊपर की आयु वाले लोगों में केवल 0.6 फीसदी ही ट्रांस या नॉनबाइनरी हैं. फिलहाल अमेरिका के कई क्षेत्रों में 33,000 ट्रांसजेंडर नौकरी कर रहे हैं.
एनसीएए ने 2010 में एक नीति बनाई थी जिसके तहत जन्म के समय पुरुष कहे जाने वाले ट्रांस एथलीटों को कम से कम एक साल टेस्टोस्टेरॉन सप्रेशन थेरेपी पूरी करनी होती थी. इसके बाद उन्हें महिलाओं की टीम से मुकाबला करने की अनुमति मिलती है.
जो ट्रांस एथलीट जन्म के समय महिला श्रेणी में जाते हैं और बाद में पुरुषों की टीम से खेलने लगते हैं अगर उन्होंने एक साल तक टेस्टोस्टेरॉन ट्रीटमेंट ली हो तो फिर उन्हें महिला टीम में खेलने की अनुमति नहीं मिलती.
ट्रांसजेंडर बच्चों की लैंगिक मान्यता
अमेरिका में हजारों बच्चे खुले रूप से अपनी वो पहचान बताते हैं जो जन्म के समय उन्हें नहीं मिली थी. ट्रांसजेंडरों को मान्यता मिलने के साथ ऐसे बच्चों की संख्या बढ़ रही है, वो भी तब जबकि उन्हें पूर्वाग्रहों और भेदभाव का काफी ज्यादा सामना करना पड़ता है. ट्रांसजेंडर बच्चों की संख्या बढ़ने के साथ ही उनके लिंग की पुष्टि से जुड़े मेडिकल केयर का भी उनकी पहुंच में आना बढ़ा है. यह केयर उन्हें प्रमुख अस्पतालों की क्लिनिकों में मिल रहा है. कितने बच्चे यह केयर ले रहे हैं, इस जानकारी की पुष्टि करने के लिए समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने स्वास्थ्य तकनीक से जुड़ी कंपनी कोमोडो हेल्थ इंक के साथ मिल कर रिसर्च किया है.
कोमोडो से मिली जानकारी के मुताबिक 2021 में अमेरिका में 42,000 बच्चों और किशोरों में लैंगिक अस्वीकृति की पहचान हुई. यह संख्या 2017 के मुकाबले तीन गुनी ज्यादा है. जब राज्यों में उन बच्चों के बारे में जानकारी जुटाई गई जिन्हें मेडिकेड का लाभ मिलता है तो इसी तरह के आंकड़े सामने आए.
मेडिकेड एक सार्वजनिक बीमा योजना है जिसके तहत कम आय वाले परिवारों को मेडिकल केयर दी जाती है. ट्रांसजेंडर बच्चों को भी इस बीमा का लाभ मिलता है. इन बच्चों के इलाज पर होने वाला खर्च रिपब्लिकन और डेमोक्रैटिक पार्टी के लिए राजनीति का एक अहम मुद्दा है. अमेरिका में मेडिकल खर्चे इतने ऊंचे स्तर पर है कि बिना सार्वजनिक या फिर निजी बीमा के इसका बोझ उठाना मुश्किल है.
ट्रांसजेंडरों का मेडिकल केयर
किशोरों की लिंग पुष्टि के लिए कई उपचार होते हैं, इसमें उनके पसंदीदा नाम को सामाजिक मान्यता के साथ ही हार्मोन थेरेपी और कई बार सर्जरी भी होती है. लैंगिक अस्वीकृति झेल रहे अमेरिकी बच्चों में मेडिकल ट्रीटमेंट का सहारा लेकर अपनी पहचान जताने और तनाव घटाने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है.
ये बच्चे जन्म के समय मिले लिंग को स्वीकार नहीं कर पाते हैं और तनाव में जीते हैं. यह उपचार उनके 10-11 साल की उम्र में पहुंचने के बाद प्यूबर्टी के साथ ही शुरू होती है. पिछले पांच सालों में कम से कम 4,780 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने प्यूबर्टी को रोकने की प्रक्रिया शुरू कराई. इनमें पहले ही लैंगिक अस्वीकृति की पहचान हो चुकी थी.
प्यूबर्टी को दबाने के बाद बच्चे का हार्मोन ट्रीटमेंट शुरू किया जा सकता है जो उसकी लैंगिक पहचान के मुताबिक ही होती है. 2017 से 2021 के बीच कोमोडो के मुताबिक 14,726 बच्चों ने लैंगिक असंतुष्टि के बाद हार्मोन ट्रीटमेंट शुरू कराई थी. 2019-21 के बीच 13 से 17 साल की उम्र वाले 56 मरीजों ने जननांगों की सर्जरी कराई और इसके लिए इंश्योरेंस क्लेम लिया. किशोरों में सबसे ज्यादा सर्जरी स्तन निकालने के लिए होती है. 2021 तक तीन सालों में स्तन हटाने की कम से कम 776 सर्जरियां हुईं.
एनआर/आरपी (एपी, डीपीए, रॉयटर्स)