सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट (EVM-VVPAT) वेरिफिकेशन की मांग को लेकर सभी याचिकाओं को को खारिज कर दिया है. बैलेट पेपर चुनाव कराने की मांग को भी कोर्ट ने ठुकरा दिया है. ये फैसला जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षा वाली बेंच ने सहमति से दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) वोटों के उनके वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों के साथ 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. हालांकि, अदालत ने कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए हैं ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बनी रहे.
अदालत के निर्देश
सिंबल लोडिंग यूनिट्स को सील और सुरक्षित किया जाए: सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सिंबल लोडिंग यूनिट्स (SLUs) को भी सील और सुरक्षित किया जाना चाहिए, ठीक उसी तरह जैसे EVM और VVPAT को सील किया जाता है. SLU का उपयोग EVM में उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिह्न लोड करने के लिए किया जाता है.
#BREAKING #SupremeCourt rejects pleas for complete EVM-VVPAT verification.
Court directs that the Symbol Loading Units should also be sealed and secured.
Court also directs that there will be option for candidates to get the microcontroller program of EVMS to be checked by a… https://t.co/A3sjuZqBVU
— Live Law (@LiveLawIndia) April 26, 2024
उम्मीदवारों को माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्राम की जांच का विकल्प: अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि उम्मीदवारों के पास परिणाम घोषित होने के बाद इंजीनियरों की एक टीम द्वारा EVM के माइक्रोकंट्रोलर प्रोग्राम की जाँच करवाने का विकल्प होगा. यह कदम EVM की कार्यप्रणाली में किसी भी तरह की छेड़छाड़ की आशंका को दूर करने में मदद करेगा.
निर्णय का महत्व
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का भारतीय चुनाव प्रक्रिया पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. EVM की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों के बीच, यह निर्णय चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है. अदालत के निर्देशों से चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी, जिससे मतदाताओं का विश्वास मजबूत होगा.