अमित शाह ने लोकसभा में पेश किया एसपीजी संशोधन बिल: अब सिर्फ प्रधानमंत्री को मिलेगी सुरक्षा, गांधी परिवार को SPG सुरक्षा से किया गया बाहर

विशेष सुरक्षा समूह कानून में संशोधन को आवश्यक करार देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक लाने का मकसद एसपीजी और प्रभावी बनाना और कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करना है. विशेष सुरक्षा समूह :एसपीजी: अधिनियम संशोधन विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिये रखते हुए शाह ने कहा कि एसपीजी का गठन प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए किया गया था और दुनिया के कई देशों में उनके शासनाध्यक्षों की सुरक्षा के मकसद से ऐसे ही विशिष्ट सुरक्षा इकाई बनाई गई हैं.

अमित शाह (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली. देश के गृहमंत्री (Home Minister Amit Shah) अमित शाह ने आज लोकसभा (Lok Sabha) में एसपीजी संशोधन बिल पेश (Special Protection Group Bill) कर दिया है. सदन में बिल पेश करते हुए शाह ने इस कानून से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों और बदलावों के बारे में जानकारी सबके सामने रखी. बताना चाहते है कि गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद से कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. अभी तक सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों को एसपीजी की सुरक्षा दी जाती रही है. लेकिन अब नए कानून में इन्हें एसपीजी की सुरक्षा से बाहर किया गया है.

अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने समय-समय पर एसपीजी कानून में बदलाव कर उसे 'कमजोर' बनाने का ही काम किया है. अमित शाह ने विशेष सुरक्षा समूह कानून में संशोधन को आवश्यक करार देते कहा कि एसपीजी अधिनियम संशोधन विधेयक लाने का मकसद एसपीजी और प्रभावी बनाना और कानून के मूल उद्देश्य को बहाल करना है. यह भी पढ़े-गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जानें के बाद प्रियंका गांधी ने पहली बार तोड़ी चुप्पी, कहा- यह राजनीति का हिस्सा

गृहमंत्री ने लोकसभा में पेश किया एसपीजी संशोधन बिल

गृह मंत्री ने कहा कि मैं जो संशोधन लेकर आया हूं, उसके तहत एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके साथ उनके आवास में रहने वालों के लिए ही होगी तथा सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को पांच साल की अवधि तक एसपीजी सुरक्षा प्राप्त होगी. ’’

शाह ने कहा कि इस स्तर के सुरक्षा कवर के लिये ‘‘विशेष’’ शब्दावली का उपयोग किया गया। यह आदर्श रूप में प्रधानमंत्री के संदर्भ में होना चाहिए. यह सिर्फ शरीरिक सुरक्षा के संदर्भ में नहीं है बल्कि इसमें उनके विभाग, स्वास्थ्य, संचार एवं अन्य विषय भी हैं. अमित शाह ने कहा कि एसपीजी का गठन 1985 में बनी एक कमेटी के आधार पर हुआ था. 1985-88 तक एसपीजी एक अधिशासी आदेश के तहत काम करती थी. 1988 में एक कानून बना, जिसके तहत एसपीजी काम करने लगी. 1991, 1994, 1999 और 2003 में इसमें संशोधन हुआ.आज वह एक और संशोधन लेकर आए हैं.

 

उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित एसपीजी कमांडो देश के प्रधानमंत्री, उनके परिजनों, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के करीबी सदस्यों की सुरक्षा का जिम्मा संभालते रहे हैं। सुरक्षा संबंधी खतरों के आधार पर यह सुरक्षा प्रदान की जाती है.

(भाषा इनपुट के साथ)

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