लोकसभा में पास होने के बाद राज्यसभा में कल पेश हो सकता है नागरिकता संशोधन बिल, बीजेपी को जुटाने होंगे आंकड़े

लोकसभा में भारी हंगामे के बाद नागरिकता संसोधन विधेयक सोमवार को पास हो गया. अब बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश किया जा सकता है. लोकसभा में बहुमत होने के कारण सरकार बिल 80 के मुकाबले 311 वोटों से बिल को पास करवाने में कामयाब रही, लेकिन संसद के ऊपरी सदन में सरकार को जरुर मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.

पीएम मोदी और अमित शाह (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: लोकसभा में भारी हंगामे के बाद नागरिकता संसोधन विधेयक सोमवार को पास हो गया. अब बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक राज्यसभा में पेश किया जा सकता है. लोकसभा में बहुमत होने के कारण सरकार बिल 80 के मुकाबले 311 वोटों से बिल को पास करवाने में कामयाब रही, लेकिन संसद के ऊपरी सदन में सरकार को जरुर मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. सरकार राज्यसभा में अल्पमत में है. अब राज्यसभा में सरकार की असली परीक्षा है. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार यह बिल राज्यसभा में कल पेश किया जाएगा. इस विधेयक में तीन पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई धर्मावलंबियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.

बता दें कि लोकसभा में सोमवार को नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. शाह ने कहा, अगर कांग्रेस देश का विभाजन नहीं करती तो मुझे यह बिल लेकर नहीं आना पड़ता. शाह ने कहा, मैं चाहता हूं देश में भ्रम की स्थिति न बने. यह बिल किसी भी तरीके से गैर संवैधानिक नहीं है.

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राज्यसभा में कल पेश हो सकता है बिल-

शाह ने कहा यह बिल अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है. लोकसभा में शाह ने कहा, धर्म के आधार पर ही देश का विभाजन हुआ था. देश का विभाजन धर्म के आधार पर न होता तो अच्छा होता. इसके बाद इस बिल को लेकर आने की जरूरत हुई. 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ था, जो कि धरा का धरा रह गया.

अमित शाह ने आगे कहा, 1947 में पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे लेकिन वहीं साल 2011 में ये आंकड़ा 3.4 फीसदी रह गया. पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए भारत मूकदर्शक नहीं बन सकता. शाह ने कहा, भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी बढ़ी है. यहां हिंदुओं की आबादी के प्रतिशत में कमी आई है जबकि मुस्लिम आबादी के प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है.

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