नई दिल्ली: शरद यादव (Sharad Yadav) अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का राजद के साथ रविवार को विलय हो गया है. रविवार को दिल्ली स्थित उनके आवास पर इसकी घोषणा की गई. इस मौके पर राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी मौजूद रहे. इस दौरान शरद यादव ने कहा कि, बिहार का आने वाला भविष्य तेजस्वी यादव है. उन्होंने कहा, यह विलय एक व्यापक एकता के लिए पहला कदम है. देश में जो परिस्थिति है, उसमें सारे विपक्ष को एक होना चाहिए इसी वजह से हमने सबसे पहले यह पहल की है. पूरे देश के विपक्षियों पार्टियों को मिलाकर हराने से ही भाजपा हार सकती है. अकेले कोई पार्टी नहीं हरा सकती.
उन्होंने आगे कहा, राष्ट्रीय स्तर पर हम यह प्रयास करेंगे और लालू जी भी बाहर आजायेंगे. लालू अगर सम्प्रदायिक लोगों के खिलाफ न लड़े होते तो वो जेल में न होते. पहले सबको एक करना है उसके बाद इसका चेहरा कौन होगा, वह तय हो जाएगा. अखिलेश से भी बात करेंगे, विपक्ष से बात कर गोलबंद करेंगे और लोकतंत्र को बचाएंगे. फिल्म के जरिये नफरत फैला रहे हैं. देश में बदलाव बिहार से होगा. हौसले से देश को संकट से बचाएंगे. यह भी पढ़े: तेजस्वी यादव ने साल 2024 के चुनाव में विपक्ष को जोड़ने और कांग्रेस की अहम भूमिका पर दिया जोर
इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि, शरद यादव ने जो निर्णय लिया वो समय और जनता की मांग थी। तबियत ठीक न होने के बावजूद बिहार और देश की चिंता कर रहे हैं. देश में अराजकता की स्थिति फिली हुई है. नफरत परोसा जा रहा, भाई चारे पर खतरा है, महंगाई बढ़ गई. सरकारी सम्पतियों को बेचा जा रहा है.
इस दौर में लोग सवाल उठा रहे है उनको तोड़ा जा रहा है. शरद जी का फैसला जोड़ने का फैसला है हिम्मत बढाने का फैसला है। रीजनल पार्टी को भी संदेश जा रहा है कि अब देर बहुत हो गया है. 2019 के बाद से ही हमें मिलकर तैयारी करने की जरूरत थी.
दरअसल शरद यादव और अली अनवर ने 2018 में जदयू से अलग होगा अपनी अलग पार्टी बनाई थी. जानकारी के अनुसार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव को लालू-तेजस्वी यादव की पार्टी राज्यसभा भेज सकती है. शरद यादव इन दिनों गंभीर रूप से बीमार चल रहे हैं. इस साल जुलाई में बिहार में राज्यसभा की पांच सीटें खाली हो रही हैं, जिसमें दो सीटें भाजपा, एक सीट जीडेयू और दो सीटें राजद के पास जाएगी.