मुंबई: शिवसेना (Shiv Sena) के नाम और चुनाव को लेकर जारी जंग अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गई है. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट की ओर से दायर अर्जी पर आज सुनवाई हुई. शिवसेना पर दावे को लेकर उद्धव ठाकरे गुट की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. इस मामले की सुनवाई अदालत में बुधवार को दोपहर 3:30 बजे होगी. इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग जिस तरह से अलोकतांत्रिक फैसले ले रहा है, उससे सवाल उठते हैं. उद्धव ने कहा कि चुनाव आयुक्तों को भी जजों की तरह ही नियुक्त किया जाना चाहिए. उद्धव ठाकरे बोले- मेरा सब कुछ छिन गया है लेकिन ठाकरे नाम कोई नहीं छीन सकता.
बता दें कि निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को शिंदे की अगुवाई वाले धड़े को असली शिवसेना की मान्यता दी और उसे ‘धनुष बाण’ चुनाव चिह्न आवंटित किये जाने का आदेश भी दिया था. इससे उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है जिनके पिता बालासाहेब ठाकरे ने 1966 में पार्टी की स्थापना की थी. आयोग ने उद्धव नीत खेमे को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम तथा ‘जलती मशाल’ चुनाव चिह्न रखने की अनुमति दी.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले दल को ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष बाण’ चुनाव चिह्न दिये जाने के बाद उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी की आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को करीबी सहयोगियों के साथ यहां शिवसेना भवन में बैठक की.
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा था कि निर्वाचन आयोग के इस फैसले को लेकर सभी राजनीतिक दलों को आंखें खुली रखनी चाहिए और चौकन्ना रहना चाहिए. उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट आशा की आखिरी किरण है. इस देश में सभी संस्थाएं खत्म हो गई हैं. लोकतंत्र की हत्या हो गई है, तो अब एक ही आशा है सर्वोच्च न्यायालय.'
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि यह बात अब छिपी नहीं रह गयी है कि शिवसेना नाम और उसका चुनाव चिह्न किसी दुकान से मूंगफली लेने की तरह खरीदे गये हैं.