मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने चुनाव आयोग के फैसले पर अपनी नाराजगी जताई. उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मेरा सब कुछ छिन गया है. हमारी पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छीन गया है लेकिन ठाकरे नाम छीन नहीं सकता. चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, कल से सुनवाई शुरू होगी.' उद्धव ठाकरे ने कहा, अगर यह (महाराष्ट्र में मौजूदा परिदृश्य) नहीं रोका गया तो 2024 का लोकसभा चुनाव देश का आखिरी चुनाव साबित हो सकता है क्योंकि इसके बाद यहां अराजकता शुरू हो जाएगी. महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीट जीतना चाहते हैं अमित शाह, BJP कार्यकर्ताओं को दिया विजय मंत्र.
उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मैंने चुनाव आयोग से गुहार लगाई थी कि सुप्रीम कोर्ट में निलंबित विधायकों का मामला है और जब तक फैसला नहीं आ जाता, अपना फैसला मत सुनाइए.' बता दें कि उद्धव ठाकरे गुट ने भारत के चुनाव आयोग (ECI) के एकनाथ शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती
Everything has been stolen from me. The name and symbol of our party have been stolen but the name 'Thackeray' cannot be stolen. We have moved the Supreme Court against the decision given by the Election Commission, the hearing will start from tomorrow: Uddhav Thackeray pic.twitter.com/1KoJ9Ustdu
— ANI (@ANI) February 20, 2023
बता दें कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी और उसे 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया था.
इससे पहले उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप मेरे पिता का चेहरा चाहते हैं लेकिन उनके बेटे का नहीं. मैं आपके साथ आने को तैयार था. जब मैं अपने पिता को दिए वादों को पूरा करना चाहता था तब आप मुझे धोखा देंगे तो मैं क्या करता?’’
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘ मैं कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने मुझे मुख्यमंत्री बनने को कहा क्योंकि संभव था सरकार नहीं बनती. क्या बीजेपी ने अपने वादे को पूरा किया जिसमें ढाई-ढाई साल तक शिवसेना और भाजपा का मुख्यमंत्री बनना था?’’ उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी के कुछ लोगों ने बगावत की, जो जाना चाहते हैं वे जा सकते हैं, उन्हें दूसरी पार्टी से विलय करना चाहिए था, लेकिन वह मुझे घर से बाहर फेंक उस पर कब्जा करना चाहते हैं.
ठाकरे ने कहा कि मेरे पिता ने इस पार्टी को सींचा है और शिवसैनिकों ने समर्थन किया है, लेकिन अब वे मालिक बनना चाहते हैं और हमारी संस्थाएं ऐसी हैं कि उसने घर के मालिक को ही घर का चोर बना दिया है; देश में यह क्या हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बीजेपी को छोड़ा है हिंदुत्व को नहीं. मैं बीजेपी के लोगों को विभाजित करने वाले हिंदुत्व को स्वीकार नहीं करता. बीजेपी हिंदुओं को चुनाव के समय ‘हिजाब’, ‘गो हत्या’ का मुद्दा उठाकर भ्रमित कर रही है जो अब जाग चुके हैं.’’