UP: करहल विधानसभा सीट छोड़ सकते हैं अखिलेश यादव! ऐसा किया तो नहीं बन सकते नेता प्रतिपक्ष
अखिलेश यादव अगर विधायक पद से इस्तीफा देते हैं तो इसका मतलब यह होगा कि वह राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता नहीं होंगे.
लखनऊ: विधानसभा चुनाव के परिणाम सपा (Samajwadi party) के पक्ष में नहीं आए हैं. यूपी में एक बार फिर भाजपा सरकार बनने जा रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आजमगढ़ (Azamgarh) से सांसद हैं. वहीं उन्हें करहल विधानसभा सीट पर भी जीत मिली है. उनकी जीत के साथ ही मैनपुरी की करहल सीट पर उपचुनाव की अटकलें तेज हो गई हैं. UP: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से बढ़ा बुलडोजर का क्रेज, बनारस में युवा बनवा रहे टैटू
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की हार के मद्देनजर, पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के करहल सीट (Karhal Assembly Seat) छोड़ने की संभावना जताई जा रही है, जिसे उन्होंने अपने पहले विधानसभा चुनाव के दौरान जीता था. अखिलेश आजमगढ़ से सांसद बने रह सकते हैं.
समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने हिन्दुस्तान टाईम्स को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “अब जब हम उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नहीं जीते हैं और सरकार नहीं बना रहे हैं, तो पार्टी अध्यक्ष के लिए करहल सीट छोड़कर संसद में बने रहना एक स्पष्ट कदम है. यह अभी आधिकारिक नहीं है, लेकिन जल्द ही होगा. पार्टी समय के साथ इसकी घोषणा करेगी"
अगर अखिलेश यादव विधायक पद से इस्तीफा देते हैं तो इसका मतलब यह होगा कि वह राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता नहीं होंगे. सपा नेता सोबरन सिंह यादव ने 2002, 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में करहल सीट से जीत हासिल की थी. 2022 के चुनाव में यहां से अखिलेश ने चुनाव लड़ा, लेकिन अब अखिलेश के यह सीट छोड़ने के बाद सोबरन सिंह यादव एक बार फिर करहल से उपचुनाव लड़ सकते हैं. मैनपुरी जिले का करहल विधानसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता .
मैनपुरी जिले में विधानसभा की चार सीटें हैं. ये विधानसभा क्षेत्र मैनपुरी, करहल, भोगांव और किशनी है. मैनपुर सदर सीट पर जहां बीजेपी प्रत्याशी जयवीर सिंह ने 7264 वोटों से जीत दर्ज कर ली है वहीं समाजवादी पार्टी के गढ़ करहल में अखिलेश यादव ने भारी मतों से बाजी मारी है. अखिलेश यादव को 148196 वोट मिले, जबकि बीजेपी प्रत्याशी एसपी बघेल को 80455 वोट मिले.