
भारत के विदेश मंत्री (EAM) डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान पर एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि "पाकिस्तान हमारे पड़ोसी देशों में एक अपवाद है, जो सीमा पार आतंकवाद के समर्थन के कारण अब खुद ही एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है. यह 'कैंसर' अब उसकी अपनी राजनीति को भी नष्ट कर रहा है. पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र का साझा हित है कि पाकिस्तान इस नीति को छोड़ दे."
यह बयान डॉ. जयशंकर ने मुंबई में आयोजित 'नानी पालखिवाला मेमोरियल लेक्चर' के दौरान दिया. यह उनके द्वारा दिया गया पहला महत्वपूर्ण विदेश नीति सम्बंधित व्याख्यान था, जो इस बार दिल्ली के बजाय मुंबई में हुआ.
डॉ. जयशंकर के इस बयान ने एक बार फिर से पाकिस्तान के आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने और भारत के प्रति उसके दुश्मनीपूर्ण रवैये को लेकर भारत की स्थिति को स्पष्ट किया. पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करने के कारण भारतीय विदेश नीति में उसे लेकर हमेशा एक कड़ा रुख अपनाया गया है, और डॉ. जयशंकर ने इस पर अपनी बात को और सख्त किया है.
EAM Dr S Jaishankar on Pakistan:
"Pakistan is an exception in our neighbourhood, in view of its support to cross border terrorism. That cancer is now consuming it own body politic. The entire sub continent has a shared interest in Pakistan abjuring that approach" https://t.co/U6IomzG1zd
— Sidhant Sibal (@sidhant) January 18, 2025
इसके साथ ही, विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के इस नकारात्मक रवैये के चलते पूरे दक्षिण एशिया में स्थिरता और शांति को खतरा हो सकता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी यह नीति बदलनी होगी, ताकि क्षेत्रीय विकास और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
नानी पालखिवाला मेमोरियल लेक्चर
मुंबई में आयोजित इस लेक्चर का नाम भारतीय न्यायपालिका के दिग्गज वकील और समाजसेवी नानी पालखिवाला के नाम पर रखा गया है. इस आयोजन में डॉ. जयशंकर ने अपनी विदेश नीति से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार व्यक्त किए. यह भारत की विदेश नीति के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मंच है, और विदेश मंत्री का यहां पर भाषण एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है.
डॉ. एस. जयशंकर के इस बयान से यह स्पष्ट है कि भारत का पाकिस्तान के प्रति रुख अब और भी सख्त हो चुका है. पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का समर्थन करने की उसकी नीति को लेकर भारत ने हमेशा कड़ा विरोध किया है.