
नई दिल्ली: शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की चल रही बैठक के दौरान हंगामा हो गया. इस हंगामे के बाद 10 विपक्षी सांसदों, जिनमें AIMIM के अध्यक्ष आसदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं, को बैठक से निलंबित कर दिया गया.
निलंबित होने वाले सांसदों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, आसदुद्दीन ओवैसी, नसीर हुसैन, मोहिबुल्लाह, एम. अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नादिमुल हक और इमरान मसूद शामिल हैं. ये निलंबन समिति के सदस्यों के बीच असहमति के बाद हुआ.
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि कमेटी के अध्यक्ष किसी की भी बात नहीं सुन रहे थे. उन्होंने कहा, "यह बैठक जैसे एक अनौपचारिक आपातकाल जैसी स्थिति बन गई है... अध्यक्ष इस बैठक को आगे बढ़ा रहे हैं और किसी की भी नहीं सुन रहे हैं... (बीजेपी सांसदों का मानना है कि वे उप प्रधानमंत्री और उप गृह मंत्री हैं. यह पूरी तरह से मजाक है) हमें बताया गया था कि 24 और 25 जनवरी को बैठक होगी, लेकिन आज की बैठक का एजेंडा क्लॉज-बाय-क्लॉज चर्चा से बदलकर कुछ और कर दिया गया."
#WATCH| Delhi | TMC MP & member of JPC on Waqf Amendment Bill 2024, Kalyan Banerjee says, "It is like an undeclared emergency going on in the meeting...Chairman is proceeding with this (meeting) and he doesn't listen to anyone...They (BJP MPs) think that they are deputy PM and… pic.twitter.com/hAc5MDhHsd
— ANI (@ANI) January 24, 2025
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने विपक्षी सांसदों पर हमला करते हुए कहा, "यह विपक्ष की सोच है, खासकर ओवैसी साहब की, कि जम्मू-कश्मीर से पूरी प्रतिनिधित्व नहीं सुनी गई और मीरवाइज़ उमर फारूक को बुलाया गया. केवल उन्हें सुनने के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष ने बैठक को क्लॉज-बाय-क्लॉज चर्चा करने के लिए टाल दिया. आज विपक्ष का मंतव्य और दृष्टिकोण सामने आया है. उन्होंने मीरवाइज़ के सामने हंगामा किया और असंवेदनशील व्यवहार किया, यह संसदीय लोकतंत्र के खिलाफ है."
#WATCH | On JPC meeting on Waqf Amendment Bill 2024, BJP MP Nishikant Dubey says, " It is the thinking of the people belonging to the Opposition, especially Owaisi sahib that we have not heard the complete representation from Jammu & Kashmir and called Mirwaiz Umar Farooq. Only… pic.twitter.com/zDaxSqF2h3
— ANI (@ANI) January 24, 2025
"अगर आज और कल क्लॉज-बाय-क्लॉज चर्चा करने के लिए बैठक होती, तो 27 या 28 जनवरी को एक और बैठक होती. 27 जनवरी के लिए पहले से एक बैठक तय की गई थी. विपक्ष बहुमत की आवाज़ को दबाना चाहता है. अधिकतम सदस्य 27 जनवरी को बैठक आयोजित करने के पक्ष में थे. 29 जनवरी को हम रिपोर्ट स्पीकर को सौंपेंगे. जब भी मैंने जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी में बोलने के लिए माइक लिया है, विपक्ष ने हमेशा मेरी आवाज़ दबाने की कोशिश की है."
वक्फ (संशोधन) बिल पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान संसद में पेश की जाएगी. इस समिति का कार्यकाल संसद के शीतकालीन सत्र में बढ़ा दिया गया था.
1995 का वक्फ एक्ट, जिसे वक्फ संपत्तियों को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया था, लंबे समय से भ्रष्टाचार, गलत प्रबंधन और कब्जे जैसी समस्याओं के लिए आलोचना का सामना कर रहा है.
वहीं, संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा और 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें केंद्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 इन समस्याओं को हल करने के लिए कई सुधारों को पेश करता है, जैसे कि डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, पारदर्शिता में वृद्धि और अवैध रूप से कब्जे की गई संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र की व्यवस्था.