आरटीआई संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्‍यसभा में भी पास, कांग्रेस ने किया विरोध

लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी सूचना का अधिकार (RTI) संशोधन बिल 2019 ध्वनिमत से पास हो गया है. इसके विरोध में कांग्रेस ने राज्यसभा से वॉक आउट कर दिया. यह बिल लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका है. सरकार ने आरटीआई कानून को कमजोर करने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पारदर्शिता, जन भागीदारी और सरलीकरण के लिए प्रतिबद्ध है.

राज्यसभा (Photo credit: ANI/File)

नई दिल्ली. लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी सूचना का अधिकार (RTI) संशोधन बिल 2019 ध्वनिमत से पास हो गया है. इसके विरोध में कांग्रेस ने राज्यसभा से वॉक आउट कर दिया. यह बिल लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका है. सरकार ने आरटीआई कानून को कमजोर करने के विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पारदर्शिता, जन भागीदारी और सरलीकरण के लिए प्रतिबद्ध है. राज्यसभा ने सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2019 को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया. साथ ही सदन ने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के लिए लाये गये विपक्ष के सदस्यों के प्रस्तावों को 75 के मुकाबले 117 मतों से खारिज कर दिया.

बता दें कि इससे पहले लोकसभा (Lok Sabha) में यह विधेयक पास हुआ था. लोकसभा में भी इसको लेकर काफी हंगामा हुआ था. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ( Adhir Ranjan Chowdhury) और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस बिल का विरोध किया था. यह भी पढ़े-तीन तलाक बिल लोकसभा में हुआ पास, पक्ष में पड़े 303 वोट, विपक्ष में पड़े 82 वोट

पढ़िए एएनआई का ट्वीट-

टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन (Darren O'Brien) ने कहा, हम संसदीय परंपरा का पालन करते हैं और सरकार की बहुमत के सामने झुक नहीं सकते हैं. राज्यसभा में मत विभाजन संख्या सदस्यों को नहीं मिली है. इस वजह से पर्चियों के जरिए वोटिंग हुई. इसके बाद सदन में बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने का प्रस्ताव वोटिंग के बाद खारिज हो गया. यह भी पढ़े-असदुद्दीन ओवैसी तीन तलाक बिल पर बोले-इस्लाम में शादी कॉन्ट्रैक्ट है, इसे जन्म-जन्म का बंधन मत बनाइए

विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कार्मिक एवं प्रशिक्षण राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि आरटीआई कानून बनाने का श्रेय भले ही कांग्रेस (Congress) अपनी सरकार को दे रही है किंतु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के शासन काल में सूचना के अधिकार की अवधारणा सामने आयी थी.

राज्यसभा (Rajya Sabha) में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा, हमें चेयर की पारदर्शिता पर विश्वास है, लेकिन यह किस तरह से 303 सीटें लाते हैं. उसका नमूना आज सदन में देखने को मिला है. ऐसी ही बीजेपी (BJP) 303 सीटें जीतती हैं.

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