CM योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' बयान का RSS ने किया सपोर्ट! संघ ने कहा- एकता से बनी रहेगी शांति
उत्तर प्रदेश के मथुरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक बैठक के दौरान RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सीएम योगी के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान का समर्थन किया.
उत्तर प्रदेश के मथुरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वार्षिक बैठक के दौरान, आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' वाले बयान का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह बयान हिंदू एकता और लोक कल्याण के लिए बेहद जरूरी है. होसबाले का कहना था कि हमें इस विचार को व्यवहार में लाने की आवश्यकता है, जिससे समाज में एकता बनी रहे.
बढ़ती शाखाओं और सुरक्षा के मुद्दे
प्रेस कॉन्फ्रेंस में होसबाले ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में आरएसएस की शाखाएं अधिक बढ़ी हैं, वर्तमान में संघ की 72,354 शाखाएं चल रही हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि वर्तमान हालात में एकता बनाए रखना आवश्यक है, क्योंकि कई जगहों पर धर्मांतरण की घटनाएं हो रही हैं. गणेश पूजा और दुर्गा पूजा के दौरान भी कुछ स्थानों पर हमले हुए हैं. ऐसे में होसबाले ने समाज की रक्षा करने और शांति बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया.
भारत की मदद की आवश्यकता
उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समाज के लोगों के लिए भारत सरकार ने कदम उठाए हैं. उनका मानना है कि दुनिया में किसी भी हिंदू को दिक्कत होने पर वह मदद के लिए भारत की ओर देखता है. होसबाले ने ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए नियम बनाने की भी आवश्यकता बताई.
लव जिहाद पर चिंता
लव जिहाद के मुद्दे पर बोलते हुए, होसबाले ने कहा कि यह समाज में समस्याएं पैदा कर रहा है. उन्होंने समाज के लोगों से अपील की कि वे अपनी बहन-बेटियों को लव जिहाद के प्रति जागरूक करें. उन्होंने उल्लेख किया कि केरल में 200 लड़कियों को लव जिहाद से बचाया गया है, और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने समाज की रक्षा करें.
महत्वपूर्ण बैठक
मथुरा में आयोजित इस आरएसएस की बैठक में संघ के सभी 46 प्रांतों के प्रमुख एवं प्रचारक शामिल हुए. यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि संघ प्रमुख मोहन भागवत का 10 दिनों का प्रवास भी इसी बैठक के लिए था. हाल ही में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बीच मथुरा में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जो लगभग ढाई घंटे तक चली.