जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन भारत का आंतरिक मामला, दूसरे देशों के साथ संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं: राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला
भारतीय राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला (Photo Credit- IANS)

वॉशिंगटन: अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) का पुनर्गठन भारत का आंतरिक मामला है और इससे दूसरे देशों के साथ संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं होगा.

भारत सरकार (Indian Government) के सोमवार को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव पेश किया था.

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श्रृंगला ने मंगलवार को कहा कि पुनर्गठन अंतरराष्ट्रीय सीमा या नियंत्रण रेखा (LoC) को प्रभावित नहीं करेगा. यह कदम बेहतर शासन के लिए उठाया गया है. उन्होंने कहा कि यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि जो सामाजिक-आर्थिक लाभ पहले भारत के अन्य लोगों को मिलता था, वह जम्मू-कश्मीर के लोगों, विशेषकर वंचित वर्ग को भी मिले.

श्रृंगला ने कहा, ‘‘ जम्मू-कश्मीर को पुनर्गठित करने का निर्णय प्रशासनिक है. यह एक ऐसा निर्णय है जो कुशल प्रशासन प्रदान करने के लिए उठाया गया है.’’ थिंक टैंक ‘द हेरिटेज फाउंडेशन’ में एक सवाल के जवाब में राजदूत ने कहा कि राज्य का पुनर्गठन भारत में नया नहीं है ऐसा 12वीं बार हो रहा है.