सिद्धारमैया का बड़ा ऐलान, दलित CM पर पार्टी का हर फैसला मंजूर

पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी देवगौड़ा की ओर से बीजेपी के साथ गठबंधन न करने के संकेत दिए जा चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस के इस मौके को लपकने की पूरी तैयारी करने में जुट गई है

राजनीतिक समीकरण बिठाने की जुगत तेज (Photo Credit: Siddaramaiah @siddhucm Facebook Page)

नई दिल्ली. कर्नाटक में वोटिंग और एग्जिट पोल के बाद सबको फाइनल रिजल्ट का इंतजार है. चुनाव परिणाम 15 मई को घोषित किया जाएगा. लेकिन परिणाम से पहले कांग्रेस ने दलित कार्ड खेल दिया है. टीवी 9' कन्नड़ की खबर के मुताबिक सिद्धारमैया ने कहा है कि वो किसी दलित के लिए सीएम पद छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा की आलाकमान जो फैसला करेगी वो मान्य होगा. इसके साथ ही सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि उनका यह आखरी चुनाव होगा और आने वाले समय में चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन पार्टी के लिए काम करते रहेंगे. सिद्धारमैया के इस बयान के बाद तर्क लगाया जा रहा है कि कांग्रेस जेडीएस को अपने पाले में लाने के जुगत में है.

एग्जिट पोल के बाद ज्यादातर सर्वे में सत्‍तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर का अनुमान लगाया गया है. लेकिन इन दोनों के बीच एच डी देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है. ऐसे में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. वहीं दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी देवगौड़ा की ओर से बीजेपी के साथ गठबंधन न करने के संकेत दिए जा चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस के इस मौके को लपकने की पूरी तैयारी करने में जुट गई है.

अब यहां पूर्व पीएम देवेगौड़ा के लिए भी असमंजस की स्थति बनती नजर आ रही है. अगर सिद्धारमैया के पास्ट पर नजर डालें तो उन्हें पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने 2005 में अपनी पार्टी जेडीएस से बाहर किया था. जिसके बाद उन्होने कांग्रेस का हाथ थामा और सीएम बने. लेकिन अब सवाल उठता है कि अगर जेडीएस समर्थन कांग्रेस को देती है तो क्या सिद्धारमैया के सीएम पद हटाने की मांग भी कर सकती है. और उनकी जगह दलित सीएम लाने की शर्त. खैर राजनीति के गणित में और सत्ता की चाभी के लिए कई बार बड़े उलटफेर होते हुए देखा गया है. फिलहाल 15 मई को स्पष्ट हो जाएगा की किसे जनता ने चुना है और किसे बेदखल. तब तक कांग्रेस और बीजेपी दोनों को इंतजार करना होगा.

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