जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में राजनीतिक संकट के बीच बागी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) को पद से हटा दिया गया है. साथ ही सचिन पायलट को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से भी बाहर का रास्ता दिखाया गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने मंगलवार दोपहर को इस बात की जानकारी दी है. आज सुबह हुए कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में भी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल नहीं हुए थे.
कांग्रेस ने सचिन पायलट के अलावा उनके समर्थक मंत्रियों को भी गहलोत सरकार से निकाल दिया है. बताया जा रहा है कि सचिन पायलट के साथ ही विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा भी मंत्रिमंडल से बाहर किए गए है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के साथ मतभेद चरम पर पहुंचने के बाद सचिन पायलट ने बगावती तेवर अपना लिया था. कांग्रेस ने फिर बुलाई विधायक दल की बैठक, पायलट के संपर्क में पार्टी नेतृत्व
Sachin Pilot removed as Deputy Chief Minister, announces Congress leader Randeep Singh Surjewala #Rajasthan pic.twitter.com/5tj3TJxZe8
— ANI (@ANI) July 14, 2020
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने 19 जून को राज्य से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव से पहले प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था. 200 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस के 107 विधायक हैं, और उसे 13 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. जबकि माकपा और बीटीपी के कुल दो विधायकों ने गहलोत सरकार को सशर्त समर्थन दे रखा है. बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और उसे आरएलडी के तीन विधायकों का समर्थन हासिल है.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर लगाया षड्यंत्र का आरोप-
#WATCH: I regret that Sachin Pilot and some of his associates have been swayed by BJP's plot and are now conspiring to topple the Congress govt elected by 8 crore Rajasthanis. It is unacceptable: RS Surjewala, Congress #Rajasthan pic.twitter.com/yopWWJ32Cg
— ANI (@ANI) July 14, 2020
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया है कि उनके पास बहुमत के लिए आवश्यक विधायकों की संख्या मौजूद है और उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है, वहीं दूसरी ओर पायलट ने दावा किया है कि उन्हें राजस्थान के करीब 30 विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. जिसमें कांग्रेस के विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक शामिल हैं. उधर, कांग्रेस में जारी घमासान को देखते हुए बीजेपी भी लगातार बैठके कर रही हैं. हालांकि अब तक बीजेपी ने गहलोत सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग नहीं की है.