जयपुर, 14 अगस्त. राजस्थान में सचिन पायलट (Sachin Pilot) की नाराजगी के बाद शुरू हुआ राजनीतिक ड्रामा (Rajasthan Political Crisis) खत्म हो गया है. लेकिन अब सूबे की सियासत में नए लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस के बीच शुरू है. सचिन पायलट की कांग्रेस (Congress) में वापसी हो गई है. पायलट-गहलोत गुट के एक होने से कांग्रेस ने राहत की सांस ली है. इसी कड़ी में आज से विधानसभा सत्र की शुरुआत हो रही है. एक तरफ बीजेपी ने गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने खुद विश्वास प्रस्ताव लाने की बात कर रहे हैं.
बता दें कि सचिन पायलट बगावत करने के एक महीने बाद वापस आए हैं. शुरुवार शाम गहलोत-पायलट की मुलाकात जरूर हुई है. लेकिन सवाल यह है कि क्या दोनों के दिल मिले हैं. मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने एक दुसरे से हाथ जरूर मिलाया और तस्वीरें भी खिंचवाई है. इसके साथ ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में एक बार फिर बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगाया गया है. यह भी पढ़ें-Rajasthan Political Crisis: विश्वास प्रस्ताव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने 6 विधायकों को जारी किया व्हिप, कांग्रेस के खिलाफ करें वोट
गौर हो कि बीजेपी विधानसभा सत्र की शुरुआत अविश्वास प्रस्ताव लाकर करने जा रही है. इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को विधायकों के साथ बैठक की है. इस बैठक में दिल्ली से गए नेता और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे शामिल हुई थी. राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं. ऐसे में बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत होती है. पायलट-गहलोत गुट के एक साथ आ जाने से यह आंकड़ा 125 विधायकों तक पहुंच रहा है. दूसरी तरफ बीजेपी के पास 75 विधायकों का समर्थन हासिल है. इन आंकड़ों से इतना तो तय है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो गहलोत आसानी से बहुमत साबित कर देंगे.