जयपुर: कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी यह स्पष्ट करे कि वह राज्य के विधानसभा चुनाव किस चेहरे को सामने रखकर लड़ रही है. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने आरोप लगाया कि जीका जैसे वायरस का संक्रमण फैलने के बीच मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के मंत्री आम जनता की चिंता छोड़ चुनाव जीतने की जुगाड़ में लगे हैं. यहां संवाददाताओं से बातचीत में गहलोत ने मनरेगा, जीका व रिसर्जेंट राजस्थान जैसे मुद्दों को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का चेहरा सामने रखकर चुनाव लड़ने की घोषणा हुई थी, अब मैंने सुना है कि वह चेहरा तो हो गया गायब. वह रह गया है नाममात्र का, अब हो गया है कमल का फूल.'’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को स्पष्ट करना चाहिए कि आगामी विधानसभा चुनाव में चेहरा किसका है, वसुंधरा राजे का या कमल के फूल का. गहलोत ने कहा, ‘‘जनता को भ्रमित कर आप वोट ले लेते हैं जो लोकतंत्र में अच्छी बात नहीं है.’’
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उन्होंने सरकार पर रोजगार गारंटी कानून मनरेगा को कमजोर करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘प्रदेश की भाजपा सरकार ने मनरेगा को कमजोर कर दिया. पहले जिले में डेढ़-दो लाख लोगों को काम मिलता था। अब हालत ख़राब कर दी गई है. कानून की धज्जियां उड़ रही हैं. लोगों को काम नहीं मिल रहा है, जबकि मांगने पर काम मिलना चाहिए.'’
गहलोत ने एक बार फिर ‘रिसर्जेंट राजस्थान’ के फायदों पर सवाल उठाया और कहा, ‘‘करोड़ों रूपये खर्च करके प्रदेश में रिसर्जेंट राजस्थान नाम का तमाशा हुआ. वसुंधरा राजे बताएं कि कितना निवेश आया?’’