विपक्षी नेताओं ने महाराष्ट्र में कोविड-19 संकट को हल न कर पाने के आरोपों के बीच राज्य सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र सरकार को चलाने में प्रमुख भूमिका में नहीं है. कांग्रेस 'महा विकास अघाड़ी' का हिस्सा है और उसके पास प्रमुख मंत्रालय है, लेकिन राहुल गांधी ने कहा, "हम केवल सरकार को मदद कर रहे हैं और राज्य में 'प्रमुख भूमिका' में नहीं हैं." हालांकि, राहुल गांधी ने राज्य सरकार का बचाव किया और कहा कि मुंबई पूरे देश से जुड़ा हुआ है और यही कारण है कि वहां कोविड के मामले बढ़ रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी जहां अपनी सरकार चला रही है, वहां वह बेहतर काम कर रही है.
राहुल गांधी का बयान महाराष्ट्र में एमवीए सरकार के लिए एक झटका हो सकता है, जहां राजनीति में पहले से ही तनातनी चल रही है. राकांपा प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को राज्यपाल से मुलाकात की थी, हालांकि मंगलवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने सभी अटकलों को खारिज कर दिया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने गए थे. दोनों ही पक्षों ने इसे "शिष्टाचार भेंट" बताया है. राकांपा सांसद प्रफुल्ल पटेल के साथ पवार ने पहली बार राज्यपाल के साथ बैठक की, जबकि राज्यपाल की नियुक्ति सितंबर 2019 में हुई थी.
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बाद में सोमवार दोपहर को भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने राज्यपाल से मुलाकात की और कथित तौर पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. विभिन्न घटनाक्रमों के बीच, राणे ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार राज्य में कोविड-19 महामारी संकट को संभालने में विफल रही है. राणे की यह मांग विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की कोश्यारी से मुलाकात के कुछ दिनों बाद आई और उन्होंने शिकायत की थी कि ठाकरे सरकार कोरोनोवायरस स्थिति को संभालने में फेल हो गई है.
राज्यपाल ने इसके बाद संकट की समीक्षा बैठक की जिसमें ठाकरे नहीं गए, बल्कि अपने करीबी विश्वासपात्र मिलिंद नार्वेकर को भेज दिया. कुछ दिनों पहले, कोश्यारी ने उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत द्वारा यूजीसी को लिखे गए एक पत्र पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें अंतिम वर्ष के विश्वविद्यालय परीक्षाओं को रद्द करने की सिफारिश की गई थी, जिसे राज्यपाल ने दिशानिर्देशों के खिलाफ बताया. इसके बाद सेना सांसद संजय राउत ने राज्यपाल को फोन किया. इसके एक दिन बाद ही ठाकरे ने घोषणा की कि अचानक लागू किया गया लॉकडाउन उचित नहीं था और अब इसे अचानक हटाना लोगों के लिए हानिकारक होगा.