नई दिल्ली: कांग्रेस (Indian National Congress) के पूर्व अध्यक्ष एवं मौजूदा समय में वायनाड (Wayanad) से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने वीडियो सीरीज द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में देश की अर्थव्यवस्था (Economy of India) के बारे में बात करते हुए मौजूदा सरकार पर जमकर भड़ास निकाली है. राहुल गांधी ने वीडियो में अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हुए कहा कि, 'जो आर्थिक त्रासदी देश झेल रहा है, उस दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई की आज पुष्टि हो जाएगी. भारतीय अर्थव्यवस्था 40 वर्षों में पहली बार भारी मंदी में है. असत्याग्रही इसका दोष ईश्वर को दे रहे हैं.'
राहुल गांधी द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में वह कहते हुए नजर आ रहे हैं, 'बीजेपी की सरकार ने असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण किया है, और आपको गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है. 2008 में जबरदस्त आर्थिक तूफान पूरी दुनिया में आया. अमेरिका, यूरोप के बैंक गिर गए लेकिन इंडिया को कुछ नहीं हुआ. राहुल गांधी ने कहा कि उस वक्त UPA की सरकार थी और मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी से मिलने गया और पूछा की पूरी दुनिया में आर्थिक नुकसान हुआ है लेकिन इंडिया में क्यों नहीं हुआ?
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने कहा राहुल अगर हिंदुस्तान के अर्थव्यवस्था को समझना चाहते हो तो यह समझना होगा कि भारत में दो अर्थव्यवस्था है. पहली असंगठित अर्थव्यवस्था और दूसरी संगठित अर्थव्यवस्था. संगठित अर्थव्यवस्था में बड़ी कंपनिया आती हैं, वहीं असंगठित अर्थव्यवस्था में किसान, मजदुर, मीडिल दुकानदार इत्यादि आते हैं.
जो आर्थिक त्रासदी देश झेल रहा है उस दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई की आज पुष्टि हो जाएगी: भारतीय अर्थव्यवस्था 40 वर्षों में पहली बार भारी मंदी में है।
‘असत्याग्रही’ इसका दोष ईश्वर को दे रहे हैं।
सच जानने के लिए मेरा वीडियो देखें। pic.twitter.com/sDNV6Fwqut
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 31, 2020
राहुल गांधी ने बताया कि मनमोहन सिंह जी ने उस वक्त बताया कि जिस दिन तक भारत की असंगठित अर्थव्यवस्था मजबूत है, उस दिन तक हिंदुस्तान को कोई भी आर्थिक नुकसान छू नहीं सकता है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में बीजेपी की तीन नीतियों से असंगठित अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है. इसमें से उन्होंने बताया कि पहला नोटबंदी दूसरा जीएसटी और तीसरा लॉकडाउन है.
इसके अलावा उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री जी को सरकार चलाने के लिए मीडिया की जरूरत है, मार्केटिंग की जरूरत है. मीडिया-मार्केटिंग 15-20 लोग करते हैं. इनफॉर्मल सेक्टर में लाखों करोड़ रुपए हैं. इस सेक्टर को तोड़कर ये लोग पैसा लेना चाहते हैं. इसका नतीजा ये होगा कि हिंदुस्तान रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा, क्योंकि इनफॉर्मल सेक्टर 90% से ज्यादा रोजगार देता है.'