नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें 'जनता के मुद्दों' पर बहस की चुनौती दी है. राहुल गांधी ने कहा कि वह किसी भी मंच पर प्रधानमंत्री के साथ बहस के लिए 100% तैयार हैं, लेकिन उन्हें (पीएम नरेंद्र मोदी) यकीन है कि वह उनके साथ बहस नहीं करेंगे.
राहुल गांधी का यह बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण है. एक तरफ तो यह प्रधानमंत्री को चुनौती है, वहीं दूसरी तरफ यह जनता के बीच अपनी छवि को मजबूत करने का प्रयास भी है. राहुल गांधी यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वह प्रधानमंत्री से बहस करने से नहीं डरते और जनता के मुद्दों पर बात करने के लिए तैयार हैं. राहुल गांधी के बयान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
मैं 100% किसी भी मंच पर प्रधानमंत्री से ‘जनता के मुद्दों’ पर डिबेट करने को तैयार हूं,
पर मैं उन्हें जानता हूं, वो 100% मुझसे डिबेट नहीं करेंगे। pic.twitter.com/lxB8AqlzfN
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 10, 2024
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने भी दी थी चुनौती
देश के जाने-माने लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को एक सार्वजनिक बहस के लिए आमंत्रित किया है. इस पहल का मकसद है कि जनता को दोनों पक्षों के विचार सीधे सुनने का मौका मिले और वे खुद तय कर सकें कि कौन सही है और कौन गलत.
यह न्योता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एपी शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम ने दिया है. इन हस्तियों का मानना है कि देश के दो प्रमुख नेताओं के बीच खुली बहस से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्टता आएगी और जनता को सही जानकारी मिलेगी.