राफेल मामले पर राहुल गांधी ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने जांच के दरवाजे खोले, JPC गठित की जाए
राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बयान सामने आया है. राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ही इस ‘घोटाले’ की जांच के लिए बड़ी गुंजाइश पैदा हुई है और ऐसे में जांच के लिए अब संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन होना चाहिए.
राफेल मामले (Rafale Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बयान सामने आया है. राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ही इस ‘घोटाले’ की जांच के लिए बड़ी गुंजाइश पैदा हुई है और ऐसे में जांच के लिए अब संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन होना चाहिए. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जोसेफ (Justice Joseph) ने जो कहा है उससे ‘राफेल घोटाले’ की जांच के लिए बड़ी गुंजाइश पैदा हुई है. इस मामले की पूरी तरह जांच शुरू होनी चाहिए. इस घोटाले की जांच के लिए जेपीसी गठित की जाए."
उधर, इस मामले पर कांग्रेस ने कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने किसी भी जांच एजेंसी को जांच से नहीं रोका है और ऐसे में बीजेपी सरकार को जीत का जश्न नहीं मनाना चाहिए बल्कि इस ‘घोटाले’ की जांच करानी चाहिए. यह भी पढ़ें- राफेल पर बोले अमित शाह- सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस और उसके नेताओं को मिला करारा जवाब, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.
राहुल गांधी का ट्वीट-
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि इस मामले की जेपीसी से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच पुलिस सहित सभी एजेंसियां कर सकती हैं. उसने कहा कि हमारा अधिकार क्षेत्र और दायरा सीमित है, लेकिन कोई भी जांच एजेंसी इस पूरे मामले की जांच कर सकती है. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि न्यायालय का फैसला किसी भी जांच के रास्ते में कोई अड़चन नहीं है."
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "जीत के जश्न का दिन नहीं, बल्कि संजीदगी से जांच कराने का दिन है. बीजेपी नेता और मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं. वे सबकी आंखों पर पर्दा डालने चाहते हैं. जेपीसी की जांच जरूरी है. बीजेपी जश्न नहीं मनाए, जांच कराए." बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल फाइटर जेट डील मामले में मोदी सरकार को गुरुवार को क्लीन चिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं. कोर्ट ने अपने 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं केा खारिज कर दिया.