राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आक्रामक हुई बीजेपी, राहुल गांधी से माफी मांगने को कहा
गृह मंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

नयी दिल्ली: फ्रांस से राफेल विमान खरीद सौदे में अनियमितताओं के आरोपों पर उच्चतम न्यायालय से क्लीन चिट मिलने के बाद सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष पर राजनीतिक फायदे के लिए देश को गुमराह करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल गांधी इस मामले में सदन और देश से माफी मांगें. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन पर सरकार को बदनाम करने का प्रयास करने तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि खराब करने का भी आरोप लगाया. सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस और कांग्रेस अध्यक्ष ने सियासी फायदे के लिए राफेल मामले में देश को गुमराह करने की कोशिश की और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश की छवि को प्रभावित किया.’’

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आज के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष को इस सदन से और देश से माफी मांगनी चाहिए. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी.

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राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘‘इनके (कांग्रेस के) ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. इनके शासन में मंत्री तक भ्रष्टाचार के मामलों में जेल गये.’’ उन्होंने कहा कि ये (कांग्रेस) तो यही चाहते हैं कि ‘‘हम तो डूबेंगे सनम, तुमको भी ले डूबेंगे.’’ इस दौरान कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप खड़े होकर राफेल सौदे पर जेपीसी जांच की अपनी मांग दोहराते रहे। इससे पहले भाजपा के सदस्य भी ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे.

उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है.  सिंह के बयान के बाद सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपनी बात रखने की अनुमति मांगी लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब तक कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों पर वापस नहीं जाएंगे, तब तक वह अनुमति नहीं दे सकतीं. अध्यक्ष ने हंगामा थमता नहीं देख सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया.