नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा (Pratap Singh Bajwa) ने बुधवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात कर उन्हें राज्य में बढ़ रही अंदरूनी कलह के बाद की स्थिति से अवगत कराया. बैठक के बाद सुनील जाखड़ ने कहा, "उम्मीद है कि मौजूदा स्थिति का समाधान हो जाएगा और कुछ गलत लोग विधायकों के परिजनों को नौकरी देने जैसे फैसले पर मुख्यमंत्री को सलाह दे रहे हैं." उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व चर्चा कर रहा है. पंजाब के सीएम के एक और धुरंधर प्रताप सिंह बाजवा ने भी राहुल गांधी से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने राज्य की जमीनी हकीकत और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की.
उन्होंने जोर देकर कहा, "पार्टी आलाकमान अगले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर फैसला करेगा." कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य इकाई में तनाव को कम करने के लिए कदम बढ़ाया है क्योंकि उन्होंने परगट सिंह सहित कई नेताओं से मुलाकात की थी. राहुल गांधी से मिले कुछ विधायकों ने कहा कि उन्होंने राज्य को लेकर मुद्दे उठाए हैं. मुख्यमंत्री के आलोचक माने जाने वाले परगट सिंह ने कहा, "अगर सीएम मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों को हल करने के लिए तैयार हैं, तो मामला हल हो गया है." इस बीच अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को पार्टी पैनल के साथ बैठक के दौरान अपनी नाराजगी व्यक्त की और सूत्रों ने कहा कि कुछ व्यक्तियों द्वारा अनुचित दबाव बनाया जा रहा है. यह भी पढ़ें : दिल्ली: BJP ने MCD को इतना कंगाल बनाया कि अब उसकी परिसंपत्तियों को बेचने की नौबत आ गई है- गोपाल राय
हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जो तीन सदस्यीय पैनल के प्रमुख हैं, जिन्हें राज्य पार्टी इकाई में गुटबाजी को हल करने के अलावा चुनाव की तैयारी के लिए बड़ा जनादेश मिला है, उन्होंने कहा, "सभी ने कहा है कि वे एक साथ चुनाव लड़ेंगे और पार्टी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुट है.
सूत्रों का कहना है कि पैनल ने राज्य में राजनीतिक स्थिति और नवजोत सिंह सिद्धू से जुड़े मुद्दों और इस मुद्दे को हल करने के संभावित तरीके पर भी चर्चा की. हालांकि सिद्धू मुख्यमंत्री पर हमले से बाज नहीं आ रहे हैं. उन्होंने मुद्दों के जल्द समाधान पर जोर दिया है. प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने कहा है कि मामला सोनिया गांधी के पास है और उन्होंने सिद्धू के बयानों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.