प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद और भ्रष्टाचार दिया, अब नए युग की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने को ऐतिहासिक निर्णय करार दिया. पीएम ने कहा अनुच्छेद 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्था में भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया. पीएम ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया कि उन्हें 12 अगस्त को ईद मनाने में किसी भी मुश्किलों का सामना न करना पड़े.
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को समाप्त करने को ऐतिहासिक निर्णय करार दिया. राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्था में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया, ऐसे में देशहित को सर्वोपरि रखते हुए व्यवहार करें और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करें.
संसद द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के संकल्प और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया.
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केंद्र के इस फैसले को जोरदार तरीके से सही ठहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के संदर्भ में अनुच्छेद 370 और 35ए का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिये, पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र की तरह इस्तेमाल किया जाता था और अब वहां एक नए युग की शुरुआत हुई है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद, मुझे पूरा विश्वास है कि जम्मू-कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके नई आशाओं के साथ आगे बढ़ेगी. जम्मू-कश्मीर की जनता, सुशासन और पारदर्शिता के वातावरण में, नए उत्साह के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करेगी.’’
अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित करने के फैसले का कुछ लोगों द्वारा विरोध किए जाने के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में ये स्वाभाविक है कि कुछ लोग इस फैसले के पक्ष में हैं और कुछ का इस पर मतभेद है. हम उनके मतभेद का और उनकी आपत्तियों का भी सम्मान करते हैं.’’
मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन मेरा उनसे आग्रह है कि वो देशहित को सर्वोपरि रखते हुए व्यवहार करें और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करें.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 से मुक्ति एक सच्चाई है, लेकिन सच्चाई ये भी है कि इस समय ऐहतियात के तौर पर उठाए गए कदमों की वजह से जो परेशानी हो रही है, उसका मुकाबला भी वही लोग कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा कि कुछ मुट्ठी भर लोग जो वहां हालात बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें जवाब भी वहां के स्थानीय लोग दे रहे हैं . मोदी ने कहा, ‘‘हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तानी साजिशों के विरोध में जम्मू-कश्मीर के ही देशभक्त लोग डटकर खड़े हुए हैं.’’
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा दिलाया कि राज्य में धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती जाएगी. मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्था में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया.
उन्होंने कहा, इसके कारण तीन दशक में राज्य में 42 हजार निर्दोष लोग मारे गए. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर, देश की भलाई के लिए काम करती है, लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों.
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोग अनेक अधिकारों से वंचित थे और जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो अब दूर हो गई है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के साथ कुछ "कालखंड" के लिए जम्मू-कश्मीर को सीधे केन्द्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच समझकर लिया है.
मोदी ने कहा कि जब से वहां राज्यपाल शासन लगा है तब से वहां का प्रशासन सीधे केन्द्र सरकार के संपर्क में है. उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी यही चाहते हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव हों, नई सरकार बने, मुख्यमंत्री बनें. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा देता हूं कि आपको बहुत ईमानदारी के साथ, पूरे पारदर्शी वातावरण में अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा.’’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जैसे पंचायत के चुनाव पारदर्शिता के साथ संपन्न कराए गए, वैसे ही विधानसभा चुनाव भी होंगे.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था में केन्द्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को, जम्मू-कश्मीर पुलिस को, दूसरे केन्द्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें.
राज्य में राजस्व घाटे का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने इसे चिंताजनक बताया और कहा कि केन्द्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी की इसके प्रभाव को कम किया जाए. मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था, लेकिन वो विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे, अब वे मतदान कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है. मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी. उन्होंने कहा, ‘‘हैरानी की बात ये है कि किसी से भी बात करें, तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों को क्या लाभ हुआ.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जैसे हमने पंचायत के चुनाव पारदर्शिता के साथ संपन्न कराए गए, वैसे ही विधानसभा के चुनाव भी होंगे. हम सभी यही चाहते हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव हों, नई सरकार बने, मुख्यमंत्री बनें.
मोदी ने कहा, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अपने भाइयों और बहनों का आह्वान करता हूं कि आइए, हम सब मिलकर दुनिया को दिखा दें कि इस क्षेत्र के लोगों का सामर्थ्य कितना ज्यादा है, यहां के लोगों का हौसला और जज्बा कितना है.’’
प्रधानमंत्री ने लोगों को आश्वस्त किया कि जल्द ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख में केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों के लिये रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के कई उन बहादुर जवानों को याद किया जिन्होंने इस क्षेत्र के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया. उन्होंने कहा कि वे सभी घाटी में शांति और समृद्धि चाहते थे और हमें उनके सपनों को साकार करना है. जम्मू-कश्मीर को भारत का ताज बताते हुए, मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र और देश के अन्य हिस्सों से कई पुलिस और रक्षाकर्मियों ने इसकी शांति और समृद्धि के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है.
उन्होंने कहा, ‘‘वे सभी एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और विकसित जम्मू-कश्मीर चाहते थे और हमें उनके सपनों को पूरा करना है.’’ मोदी ने इस दौरान मौलवी गुलाम दीन और राइफलमैन औरंगजेब का जिक्र किया. मौलवी गुलाम दीन ने 1965 के युद्ध के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों को पाकिस्तानी घुसपैठियों के बारे में सूचना दी थी. औरंगजेब को पिछले साल कश्मीर में आतंकवादियों ने अपहरण कर मार दिया था.
उन्होंने कहा कि अब औरंगजेब के दो भाई सेना में सेवारत हैं. मोदी ने लद्दाख के रहने वाले कर्नल सोनम वांगचुक के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि कर्नल वांगचुक को 1999 के करगिल युद्ध में उनके सफल अभियान के लिए भारत के दूसरे सबसे बड़े वीरता पुरस्कार महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था.
मोदी ने अपने संबोधन में राजौरी जिले की रुख़साना कौसर का भी जिक्र किया, जिन्होंने 2009 में सशस्त्र आतंकवादियों पर हमला कर उनमें से एक को मार गिराया था. उनकी बहादुरी के लिए उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था. प्रधानमंत्री ने फिल्म उद्योग से जम्मू-कश्मीर में फिर से फिल्मों की शूटिंग शुरू करने की अपील की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर न केवल भारत से, बल्कि विदेशों से भी फिल्म जगत के लोग फिल्मों की शूटिंग करने के लिए मनोरम दृश्यों वाले इस खूबसूरत प्रदेश पहुंचेंगे. राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय को याद किया जब कश्मीर बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग के लिए एक पसंदीदा स्थल हुआ करता था.
मोदी ने कहा, ‘‘तब के समय में शायद ही कोई फिल्म होती थी जिसकी शूटिंग कश्मीर में नहीं होती थी... अब जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य हो जाएगी, तब न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर के लोग फिल्मों की शूटिंग के लिए वहां जाएंगे.’’ 'कश्मीर की कली’, ‘जानवर’, ‘थ्री इडियट्स’ समेत कई फिल्मों को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में शूट किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘हर फिल्म रोजगार के कई अवसरों को साथ लाएगी... मैं हिंदी फिल्म उद्योग, तेलुगु और तमिल फिल्म उद्योग और इससे जुड़े लोगों से निवेदन करता हूं कि वे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में निवेश करने के बारे में निश्चित रूप से विचार करें, फिल्मों की शूटिंग शुरू करें और सिनेमाघरों की स्थापना करने के बारे में भी सोचें.’’
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर पर अपने संबोधन में कहा कि अब समय आ गया है कि लद्दाख के लोग अपने क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता से लाभान्वित होंगे और वहां के औषधीय पौधों तथा जड़ी बूटियों को वैश्विक मान्यता मिलेगी. प्रधानमंत्री ने लद्दाख की महत्वपूर्ण जड़ी बूटियों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि बर्फ से ढके पहाड़ों में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए ये जड़ी-बूटियां आधुनिक समय की ‘संजीवनी’ के रूप में काम कर सकती हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘विशेषज्ञों का कहना है कि ऊंचे पहाड़ों पर रहने वाले लोगों और बर्फ से ढके क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए यह एक संजीवनी है. यह कम ऑक्सीजन वाले क्षेत्रों में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बनाए रखती है... ऐसी जड़ी-बूटियां पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में फैली हुई हैं.’’
मोदी ने कहा कि यदि ऐसी जड़ी-बूटियों को मान्यता दी जाती है और उन्हें बेचा जाता है, तो इससे क्षेत्र के किसानों के साथ-साथ लोगों को भी लाभ होगा. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उद्योगपतियों, निर्यातकों और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े लोगों से दुनियाभर में स्थानीय उत्पादों को ले जाने के लिए आगे आने का अनुरोध करता हूं.’’
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि उन्हें 12 अगस्त को ईद मनाने में किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना न करना पड़े. अपने संबोधन में मोदी ने यह भी कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के उन लोगों को हरसंभव मदद मुहैया करा रही है जो कहीं और रहते हैं और त्योहार मनाने के लिए अपने घर लौटना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर के दोस्तों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो जाएगी और उनकी कठिनाइयां कम हो जाएंगी.’’ मोदी ने कहा, ‘‘सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों को ईद मनाने में किसी तरह की कठिनाई का सामना न करना पड़े.’’