नई दिल्ली, 10 नवंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में पाकिस्तान पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने में विश्वास रखता है. मोदी ने एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ स्टेट्स के 20वें शिखर सम्मेलन में बोलते हुए यह बात कही, जिसे मंगलवार को वर्चुअल (ऑनलाइन) तरीके से आयोजित किया गया था. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दृढ़ता से "क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और समृद्धि में विश्वास करता है और यह आतंकवाद, धनशोधन, अवैध हथियारों, ड्रग्स और धन की तस्करी के खिलाफ आवाज उठाता है."
यह तीसरी एससीओ बैठक थी, जिसमें भारत ने 2017 में पूर्ण सदस्य बनने के बाद भाग लिया. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी भाग लिया. इस बैठक ऐसे समय पर आयोजित हुई, जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद जारी रखा है और भारत व चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सीमा विवाद कायम है. मोदी ने यह उल्लेख भी किया कि भारत के बहादुर सैनिकों ने लगभग 50 संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भाग लिया है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोनावायरस महामारी के सामाजिक और वित्तीय प्रभाव से पीड़ित दुनिया की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए बहुपक्षीय सुधार की आवश्यकता को दोहराया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अभूतपूर्व महामारी के इस अत्यंत कठिन समय में भी भारत के फार्मा उद्योग ने 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाएं भेजी हैं. भारत, यूएनएससी के एक गैर-स्थायी सदस्य के रूप में, 1 जनवरी 2021 से शुरू होकर, वैश्विक शासन में वांछनीय परिवर्तन लाने के लिए 'सुधारित बहुपक्षवाद' के विषय पर ध्यान केंद्रित करेगा. प्रधानमंत्री ने एससीओ क्षेत्र के साथ भारत के मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव को रेखांकित किया और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे, चाबहार पोर्ट और अश्गाबात समझौते जैसी पहल के साथ क्षेत्र में कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई.
उन्होंने 2021 में एससीओ की 20वीं वर्षगांठ को 'संस्कृति के वर्ष' के रूप में देखने के लिए पूर्ण समर्थन दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ नेताओं के सामने दिए गए अपने संबोधन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद बैठक के आयोजन के लिए बधाई दी. प्रधानमंत्री ने अगले साल एससीओ की अध्यक्षता करने के लिए ताजिकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन को बधाई दी और भारत से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया.