ज्यादा खुश न हो राहुल गांधी, 2019 में मुकाबला सीधे PM मोदी से है जिनका आज भी कांग्रेस के पास कोई तोड़ नहीं
पीएम मोदी और राहुल गांधी (File Photo)

नई दिल्ली: देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के नतीजे अब लगभग स्पष्ट हो चुके हैं. सभी राज्यों में बीजेपी (BJP) का प्रदर्शन खराब रहा हैं. हिंदी बेल्ट के 3 अहम राज्य- छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन किया हैं. छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस (Congress) ने सत्ता में वापसी की है तो वहीं मध्यप्रदेश में पेच अभी भी फंसा हुआ है. इन दोनों राज्यों में बीजेपी को जनता ने नकारा हैं. बीजेपी ने तीनों राज्यों में वर्तमान के मुख्यमंत्रियों पर अपना दांव खेला था मगर ये दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा हैं.

दूसरी ओर कांग्रेस के खेमे में खुशी का माहौल हैं. पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी भी मीडिया के सामने आ कर बीजेपी को 2019 में हराने का दावा कर चुके हैं. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भी आत्मविश्वास नजर आ रहा हैं. मगर सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाला यह चुनाव फाइनल से बिल्कुल अलग है.

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2019 आम चुनावों में अगर कांग्रेस को बीजेपी को हराना हैं तो उन्हें पीएम मोदी का विकल्प पेश करना होगा जो उनके पास फिलहाल नहीं हैं. राहुल गांधी की लोकप्रियता जरूर बढ़ी हैं मगर वे अब भी मोदी के विकल्प के तौर पर उभरे नहीं हैं. हालांकि, उनके पास और 6 महीने हैं और वो लोगों के दिलों में जगह बना सकते हैं मगर इसके लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी होगी.

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बीजेपी मंगलवार को जिन राज्यों में हारी हैं वहां सूबे की सरकार के विरोध में लहर थी. पीएम मोदी ने यहां ताबड़तोड़ प्रचार जरूर किया था मगर लोगों ने स्थानीय मुद्दों पर वोटिंग की. लोकासभा चुनाव में स्थिति अलग होगी. राजस्थान में CM राजे के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर थी. छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में बीजेपी 15 सालों से सत्ता में थी. ये नतीजे उन सरकारों के खिलाफ थे. हालांकि कई लोगों ने केंद्र की नीतियों के खिलाफ भी वोटिंग की होगी.

गठबंधन का पेच-

छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश में मायावती ने अपने उम्मीदवार उतरे थे. एमपी में तो कांग्रेस को इससे नुकसान भी हुआ. कांग्रेस ने हालांकि गठबंधन करने के प्रयास भी किये थे मगर मायावती मानी नहीं. समाजवादी पार्टी ने भी यूपी के बाद कांग्रेस से परहेज ही किया. 2019 में सपा-बसपा का गठबंधन होना लगभग तय हैं मगर यदि इस अलायंस में कांग्रेस को जगह नहीं मिली तो इससे पीएम मोदी को फायदा हो सकता हैं. इससे राहुल गांधी का पीएम बनने का सपना भी धरा का धरा ही रह सकता हैं.