दिल्ली के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर: राम विलास पासवान

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजिनक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को दिल्ली में हर वार्ड से पानी के नमूने लेकर उसकी जांच रिपोर्ट 15 दिनों में पेश करने का निर्देश देते हुए एक बार फिर दोहराया कि दिल्ली के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.

रामविलास पासवान (Photo Credits: IANS)

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजिनक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को दिल्ली में हर वार्ड से पानी के नमूने लेकर उसकी जांच रिपोर्ट 15 दिनों में पेश करने का निर्देश देते हुए एक बार फिर दोहराया कि दिल्ली के लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. पासवान ने ट्वीट के जरिए बताया कि उन्होंने बीआईएस को प्रत्येक वार्ड से पानी के पांच-चांच नमूने एकत्र करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा, "हमने बीआईएस को निर्देश दिया है कि वह दिल्ली के हर वार्ड से पांच-पांच सैंपल लेकर 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करे। दिल्ली सरकार बीआईएस के अधिकारी, दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी और बीआईएस के डीजी (महानिदेशक) व डीडीजी (उपमहानिदेशक) के नेतृत्व में बनी टीम के साथ संयुक्त रूप से पानी के नमूने इकट्ठा करना चाहें तो कर सकते हैं. दिल्ली की जनता गंदा पानी पीने को मजबूर है."

उन्होंने सिलसिलेवार एक अन्य ट्वीट में कहा, "सचिव, उपभोक्ता मामले ने 21 नवंबर को सचिव, जलशक्ति विभाग को नल के पानी के मानक को मेंडेटरी (अनिवार्य) करने के लिए लिखा है. मैंने भी आज (शुक्रवार को) जलशक्ति मंत्री को इस संबंध में पत्र लिखा है. हम लोगों को गंदा पानी पीने के लिए विवश नहीं कर सकते. मैं तीन माह से लगातार कह रहा हूं कि बीआईएस और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर जिस इलाके से (प्रदेश सरकार) चाहें पानी की जांच करवा ले. संयुक्त टीम बनाने के लिए 21 नवंबर को हमने बीआईएस के 32 अधिकारियों का नाम भेज दिया था लेकिन केजरीवाल जी ने अबतक कोई कदम नहीं उठाया है."

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से की अपील, कहा- कम पानी वाले फसलों की करें खेती

केंद्रीय मंत्री ने इससे पहले अपने ट्वीट में कहा, "कल तक श्री अरविंद केजरीवाल (दिल्ली के मुख्यमंत्री) जी कह रहे थे कि दिल्ली की जनता को पीने का पानी बीआईएस मानक के मुताबिक मिल रहा है और अब कह रहे हैं कि स्वच्छ पानी मिलने में पांच साल लगेगा. यह दिल्ली की जनता के साथ धोखाधड़ी है. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भी इसे गंभीरता से लिया है."

मालूम हो कि 22 दिसंबर को लाल किला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है जिस पर प्रदेश सरकार ने आंखें मूंद रखी है.

Share Now

\