अनुच्छेद 370 पर JDU का यू-टर्न, कहा- मोदी सरकार के इस कदम का समर्थन करते हैं, संसद में विरोध की ये वजह बताई
जनता दल (यूनाइटेड) ने बुधवार को यू-टर्न लेते हुए घोषणा की कि वह जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के केंद्र के कदम का समर्थन करते हैं. जद (यू), राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का एक प्रमुख घटक है. जद (यू) के वरिष्ठ नेता आर.सी.पी.सिंह ने कहा कि जब कोई कानून प्रभावी हो जाता है तो यह देश का कानून हो जाता है और सभी को इसको स्वीकार करना चाहिए.
जनता दल (यूनाइटेड) ने बुधवार को यू-टर्न लेते हुए घोषणा की कि वह जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के केंद्र के कदम का समर्थन करते हैं. जद (यू), राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का एक प्रमुख घटक है. अनुच्छेद 370 के रद्द किए जाने का विरोध करने के बाद जद (यू) के वरिष्ठ नेता आर.सी.पी.सिंह ने कहा कि जब कोई कानून प्रभावी हो जाता है तो यह देश का कानून हो जाता है और सभी को इसको स्वीकार करना चाहिए. जद (यू) के राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा, "हम अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने पर सरकार के साथ हैं," सिंह को बिहार के मुख्यमंत्री व जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है. उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह बना रहेगा. सिंह ने यह भी बताया कि जद (यू) ने अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने का विरोध क्यों किया.
उन्होंने कहा, "हमारे दिवंगत पार्टी नेता जॉर्ज फर्नाडिस ने विवादित मुद्दों पर भाजपा का समर्थन नहीं करने का फैसला किया था. जॉर्ज फर्नाडिस राजग के संयोजक थे। हमारा अनुच्छेद 370 से लगाव है और इसलिए इसको रद्द किए जाने का हमने विरोध किया, क्योंकि हम जॉर्ज फर्नाडिस की आत्मा को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहते थे." यह भी पढ़ें- Article 370 और तीन तलाक बिल के अलावा इन मुद्दों पर भी JDU और BJP के बीच है टकराव, क्या टूटने के कगार पर है गठबंधन?
सिंह ने आगे भी पार्टी नेताओं को पार्टी लाइन को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर बोलने को लेकर सावधानी बरतने को कहा. दो दिन पहले पार्टी के एक नेता ने नीतीश से जद (यू) के अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने का विरोध करने पर पुनर्विचार करने को कहा.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने के प्रस्ताव की घोषणा व राज्य को दो हिस्सों में बांटने व जम्मू एवं कश्मीर व लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए प्रस्ताव लाए जाने के बाद वरिष्ठ जद (यू) नेता के.सी. त्यागी ने कहा था कि पार्टी रद्द किए जाने का विरोध करती है.