सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बढ़ते सड़क हादसों पर जताई चिंता, कहा- टायरों में सिलिकॉन मिलाने और नाइट्रोजन भरने को अनिवार्य करने पर विचार कर रही है सरकार
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क हादसों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिये टायरों के निर्माण में रबड़ के साथ सिलिकॉन मिलाने और टायरों में नाइट्रोजन भरने को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है. साथ ही सरकार तमिलनाडु मॉडल पूरे देश में लागू करने पर विचार कर रही है.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बढ़ते सड़क हादसों पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा है कि सरकार (Government) सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिये टायरों के निर्माण में रबड़ के साथ सिलिकॉन मिलाने और टायरों में नाइट्रोजन भरने को अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है. इससे टायर ठंडे रहेंगे और उनके फटने का खतरा कम हो जाएगा.
गडकरी ने सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘सड़क सुरक्षा के बारे में यह बात ध्यान में आयी है कि हमारे यहां टायरों के निर्माण मानकों और अंतरराष्ट्रीय मानकों में क्या समानता या फर्क है, उसकी हमारे पास अभी तक जानकारी नहीं थी.’’
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गडकरी ने कहा कि अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों में टायर के निर्माण में रबड़ के साथ सिलिकॉन डाला जाता है. इससे अधिक गति पर टायर का तापमान बढ़ने से इसके फटने की शिकायतें कम हो सकती है. साथ ही टायरों में नाइट्रोजन भरना चाहिये. इससे टायर ठंडा रहता है. इन दोनों बातों को अनिवार्य बनाने पर विचार किया जा रहा है.
गडकरी ने यमुना एक्सप्रेस वे पर हुये हादसे पर दुख व्यक्त करते हुये सदन को बताया कि यह राजमार्ग उत्तर प्रदेश सरकार ने बनाया है और इसका संचालन नोएडा प्राधिकरण द्वारा किया जाता है. उन्होंने कहा कि सीमेंट और कंक्रीट से बने इस एक्सप्रेस वे पर 2016 में 1525 सड़क दुर्घटनाओं में 133 लोगों की मौत हुयी थी. जबकि 2017 में 146 और 2018 में 111 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई.
उन्होंने सड़क सुरक्षा से जुडे़ एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के लिये लापरवाही और तकनीकी पहलुओं की मीमांसा के आधार पर इसके कारणों पर काबू पाने के लिये 14 हजार करोड़ रुपये की एक योजना बनायी है. इसका मकसद राजमार्गों पर हादसे वाले स्थानों (ब्लैक स्पॉट) को चिन्हित कर दुर्घटनाओं के कारणों को निस्प्रभावी बनाना है.
गडकरी ने बताया कि इसमें अत्याधुनिक तकनीक की मदद ली जायेगी. उन्होंने बताया, ‘‘अभी नयी तकनीक आयी है जिसमें अगर वाहन चालक ने शराब पी रखी है तो वाहन का इंजन स्टार्ट ही नहीं होगा. अगर चालक ने सीट बेल्ट नहीं पहनी होगी तो पुलिस के नियंत्रण कक्ष में वाहन नंबर के साथ अन्य जानकारी पहुंच जायेगी. इस तरह के अन्य उपायों को हम लागू करेंगे.’’
गडकरी ने सड़क हादसों पर नियंत्रण के लिये तमिलनाडु में किये गये कारगर उपायों का जिक्र करते हुये बताया कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में 29 प्रतिशत की कमी आयी है. वहीं उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 15 प्रतिशत हादसे बढ़े हैं. सरकार तमिलनाडु मॉडल पूरे देश में लागू करने पर विचार कर रही है.