नए आपराधिक कानूनों का इस्तेमाल मुसलमानों और दलितों के खिलाफ ज्यादा होगा, असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

हैदराबाद, 4 जुलाई: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि एक जुलाई से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का इस्तेमाल गरीबों, कमजोर वर्गों, मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों के खिलाफ ज्यादा किया जाएगा.

एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए ओवैसी ने दावा किया कि तीन नए आपराधिक कानून - भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) आम लोगों के अधिकारों को कम कर देंगे और पुलिस को (किसी के भी खिलाफ कार्रवाई करने के लिए) व्यापक शक्तियां प्रदान करेंगे.

हैदराबाद के सांसद ने दावा किया, "इन नए (आपराधिक) कानूनों का इस्तेमाल अब गरीबों, कमजोर वर्गों, मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों के खिलाफ पहले से भी ज्यादा किया जाएगा."

उन्होंने कहा कि (नए कानूनों में) इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि अगर पुलिस कोई गलती करती है तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी.

एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, "नए कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम से भी ज्यादा खतरनाक हैं." उन्होंने कहा कि कोई भी यह कल्पना कर सकता है कि इन कानूनों का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा.

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