नवनीत राणा ने मुंबई पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप, स्पीकर ओम बिड़ला को बताया- नीची जाति का कहकर पीने के लिए पानी नहीं दिया, बाथरूम जाने से रोका

मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) ने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) को पत्र लिखकर मुंबई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये है. साथ ही उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को भी घेरा है. उन्होंने अपने पत्र में कहा “मुझे शनिवार (23.04.2022) को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया और मैंने पुलिस थाने में रात बिताई. मैंने रातभर बार-बार पीने के लिए पानी की मांगा की, लेकिन पूरे रात पीने का पानी उपलब्ध नहीं कराया गया.” नवनीत राणा की गिरफ्तारी गलत, विरोधियों को कुचलना चाहती है ठाकरे सरकार: देवेंद्र फडणवीस

सांसद नवनीत राणा ने पत्र में आगे लिखा “मैं यह जानकर दंग रह गई. वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने मुझसे कहा कि मैं अनुसूचित जाति () की हूं और इसलिए वे मुझे एक ही गिलास में पानी नहीं देंगे. इस प्रकार मेरी जाति के आधार पर मुझे सीधे प्रताड़ित किया गया और यही कारण है कि पीने का पानी नहीं दिया गया” उन्होंने कहा "मैं जोर देकर कहना चाहती हूं मुझे पीने के पानी जैसी बुनियादी मानवाधिकारों से केवल मेरे अनुसूचित जाति होने के आधार पर वंचित किया गया."

राणा ने कहा "इसके अलावा, जब मैं रात में बाथरूम का उपयोग करना चाहती थी, तो पुलिस कर्मचारियों ने मेरी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. मेरे साथ फिर से दुर्व्यवहार किया गया. मुझे बताया गया कि हम नीची जाति अनुसूचित जाति के लोगों को अपने बाथरूम का उपयोग नहीं करने देते."

गौर हो कि रविवार को मुंबई की एक अदालत ने राणा दंपति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. हालांकि आज निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख करते हुए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने के लिए एक याचिका दायर की है. राणा दंपत्ति को हनुमान चालीसा का पाठ करने को लेकर उठे विवाद के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया गया था. मुंबई पुलिस ने नवनीत राणा को भायखला महिला जेल में रखा है, वहीं उनके पति एवं विधायक रवि राणा को नवी मुंबई के तलोजा जेल में रखा है.

राणा दंपत्ति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी, जिससे शिवसेना के कार्यकर्ता बेहद आक्रोशित हो गए थे और उन्होंने राणा के आवास के आगे विरोध प्रदर्शन किया था. मुंबई पुलिस ने राणा दंपत्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और बाद में उसमें राजद्रोह का आरोप भी जोड़ दिया. राणा दंपत्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा- 153 ए (अलग-अलग समुदायों के बीच धर्म, आदि के नाम पर विद्वेष उत्पन्न करना),धारा 34(सामान्य इरादे) और मुंबई पुलिस अधिनियम की धारा-135 (पुलिस द्वारा लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने) का मामला दर्ज किया गया. बाद में इसमें 124-ए (राजद्रोह) की धारा भी जोड़ी गयी है.