लोकसभा चुनाव 2019: नारायण राणे का मोदी सरकार पर तीखा हमला, कहा- बढ़ी महंगाई और बेरोजगारी ने लोगों का जीना किया मुश्किल
राज्यसभा सांसद बने नारायण राणे का केंद्र सरकार के खिलाफ एक बयान आय है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि पिछले पांच साल में सभी क्षेत्रों में महंगाई और बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.
मुंबई: नारायण राणे भारतीय जनता पार्टी के कोटे से राज्यसभा सांसद है. इसके बाद भी उन्होंने केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ सार्वजनिक तौर से हमला किया है. उन्होंने कहा है कि पिछले पांच साल में सभी क्षेत्रों में महंगाई और बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. लोगों का व्यापार पूरी तरफ से चौपट हो चुका है. लोगों को सिर्फ व्यापार के नाम पर परेशान किया जा रहा है. नारायण राणे अपने इस बयान के दौरान शिवसेना पर भी हमला किया है.
दरअसल उनकी पार्टी महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी (Maharashtra Swabhiman party) से उनके बड़े बेटे नीलेश राणे (Nilesh Rane) रत्नागिरी से चुनाव लड़ रहे है. बेटे के चुनाव प्रचार के लिए रत्नागिरि के जाकादेवी में आयोजित एक रैली में शामिल होने गए थे. जहां पर उन्होंने ने मोदी सरकार के खिलाफ हमला करते हुए कहा कि "पिछले 5 वर्षों में हर तरह सभी व्यापार ठप्प हो गया है. जो व्यापरी व्यापार कर भी रहे हैं तो उन व्यापारियों को दबाया जा रहा है. उनको ठगा जा रहा है. लोगों का शोषण करने का एकमात्र कार्यक्रम चल रहा है. इसलिए आज कोई भी बिजनेस सुरक्षित नहीं रहा है. सभी तरह की महंगाई और बेरोजगारी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है." यह भी पढ़े: मायावती का प्रधानमंत्री पर तीखा हमला, कहा- मोदी राज में बेरोजगारी चरम पर लेकिन अमीरों की संख्या बढ़ी
राणे ने शिवसेना पर भी साधा निशाना
नारायण राणे शिवसेना (Shivsena) पर हमला बोलते हुए कहा कि कहा,"शिवसेना मतलब अब केवल लूट सेना रह गई है." राणे ने अपने बयान में यह भी कहा कि सेना के नेतृत्व में मराठी लोगों को किनारे कर दिया गया है. मुंबई में मराठी लोगों का प्रतिशत 60 से 18 प्रतिशत तक नीचे चला गया है. ऐसे में शिवसेना को कोंकण से बाहर किये बिना अच्छे दिन नहीं आएंगे."
बता दें कि नारायण राणे का एक समय था जब शिवसेना में उनकी तूती बोलती थी. लेकिन शिवसेना के साथ उनका बिगाड होने के बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा था. कांग्रेस के कार्यकाल में मंत्री भी रहे. लेकिन कांग्रेस पार्टी से मनमुटाव होने के बाद उन्होंने पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया. इस समय बीजेपी के कोटे से राज्यसभा सांसद है. वे चाहते थे कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में अपने गठबंधन में महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी को शामिल करे. लेकिन शिवसेना के एतराज के बाद उनकी पार्टी महाराष्ट्र्र को बीजेपी ने अपने साथ नहीं लिया. जिसके बाद उनकी पार्टी महाराष्ट्र में अकेले ही चुनाव लड़ रही है.