MP Cabinet Expansion: मंगलवार को आएगी अंतिम सूची, सिंधिया गुट ने  मांगे 9 और मंत्री पद
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान/ ज्योतिरादित्य सिंधियां (फाइल फोटो-PTI)

मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार के लिए मंत्रियों की सूची पर सोमवार को भाजपा का शीर्ष नेतृत्व फैसला नहीं ले सका. दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाले शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को सोमवार शाम भोपाल लौटना था, मगर सूची पर अंतिम फैसला न होने के कारण अब वह मंगलवार शाम तक दिल्ली में रहेंगे.

सूत्रों के अनुसार, मंगलवाल को पार्टी नेतृत्व के स्तर से सूची फाइनल होने के बाद राज्य में अब बुधवार या फिर गुरुवार को ही मंत्रि परिषद का विस्तार हो सकेगा. सूची पर पेंच फंसने पर गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के आवास पर भी देर शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ बैठक हुई. इससे पहले शाम चार बजे चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और बाद में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के साथ भेंट की थी. यह भी पढ़े:राज्यसभा में जाने के बाद क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिलेगी मोदी कैबिनेट में जगह?

सूत्रों का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) शिवराज सिंह चौहान सरकार में कुल 11 मंत्री चाहते हैं. सिंधिया के दो करीबी विधायक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिंह सिलावट मार्च में ही मंत्री बन चुके हैं. ऐसे में वह कैबिनेट विस्तार में कांग्रेस से भाजपा में आए नौ और नेताओं को मंत्री बनवाना चाहते हैं. इतना ही नहीं सिंधिया ने मंत्री पद के दावेदार नेताओं के नामों के साथ उनकी पसंद के विभागों की सूची भी भेज दी है. सिंधिया के करीबियों के मुताबिक, कमलनाथ सरकार में ही उनके खेमे के छह मंत्री बने थे. ऐसे में भाजपा में आने से पहले ही सिंधिया ने बता दिया था कि उनके साथ आने वाले कम से कम 10 से 11 विधायकों को मंत्री पद चाहिए. यह भी पढ़े: मध्यप्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया दावा, कहा- राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार 

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी सिंधिया गुट को 10 से 11 मंत्री पद देने के लिए तैयार है, मगर मनपसंद विभाग देने को राजी नहीं है. इसको लेकर दोनों तरफ से पेंच फंसा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि गृह और स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा जनसंपर्क मंत्रालय भी चाहते हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें मना कर दिया है. पार्टी ने नरोत्तम मिश्रा से कहा है कि वह अधिकतम दो विभाग ही अपने पास रख सकते हैं.